आप जब भी भारतीय अर्थवयवस्था पढ़ते है तो उसमे आपको एक महत्वपूर्ण टॉपिक पढ़ने को मिलता है जो भारत की 12 पंचवर्षीय योजनाएं है जो लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए महत्वपूर्ण है हमने नीचे सभी 12 पंचवर्षीय योजनाओ के बारे में शानदार नोट्स अपलोड कर दिए है जिन्हे आप एक बार जरूर पढ़े एवं अपनी आगामी परीक्षा के लिए अच्छे से याद करें ऐसे ट्रिकी एवं आसान नोट्स MISSION SSC के अलावा आपको कहीं भी नहीं मिलेंगे
भारत की 12 पंचवर्षीय योजनाएं
– पंचवर्षीय योजना को USSR से अपनाया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् 12 पंचवर्षीय योजना बन चुकी है।
– भारत ने सोवियत संघ मॉडल को ध्यान में रखते हुए 1 अप्रैल, 1951 से आर्थिक और सामाजिक नियोजन के लिए 5 वर्ष की योजनाएँ बनानी शुरू की। जिसे पंचवर्षीय योजना कहते हैं। अब तक भारत में 12 पंचवर्षीय योजनाएँ व 6 वार्षिक योजनाएँ लागू हुई।
– पंचवर्षीय योजनाओं का जनक भारत में पंडित जवाहरलाल नेहरू को कहते हैं।
1. प्रथम पंचवर्षीय योजना
– अवधि – 1 अप्रैल, 1951 – 31 मार्च, 1956 (1951-1956)
– मॉडल – हैरॉल्ड डोमर मॉडल
– लक्ष्य – कृषि तथा सिंचाई संसाधनों का विकास करना।
– विकास दर – लक्षित – 2.1%
– प्राप्त – 3.6%
नेतृत्व प्रधानमंत्री – पंडित जवाहरलाल नेहरू
कार्यक्रम –
– हीराकुण्ड, दामोदर घाटी तथा भाखड़ा नांगल नदी घाटी परियोजना।
– सन् 1952 में सामुदायिक विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।
– सन् 1953 में राष्ट्रीय प्रसार योजना शुरू की गई।
– सन् 1953 में U.G.C. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना की गई।
– सन् 1955 में इंट्रीगल कोच फैक्ट्री स्थापित (चेन्नई)
2. द्वितीय पंचवर्षीय योजना
– अवधि – सन् (1956 – 1961)
– मॉडल – पी.सी. महालनोबिस
– लक्ष्य – उद्योगों का विकास व तीव्र औद्योगिकीकरण
– विकास दर – लक्ष्य – 4.5%
– प्राप्त – 4.2%
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – पंडित जवाहरलाल नेहरू
कार्यक्रम-
– तीन इस्पात संयंत्रों की स्थापना की गई।
1. राउरकेला (ओडिशा) – जर्मनी की सहायता से।
2. भिलाई (छत्तीसगढ़) – USSR सोवियत संघ की सहायता से।
3. दुर्गापुर (पश्चिमी बंगाल) – ब्रिटेन की सहायता से।
– अखिल भारतीय खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड – सन् 1958 में स्थापना।
– 2 अक्टूबर, 1959 को प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा राजस्थान के नागौर जिले से पंचायती राज कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
– IIT कानपुर, IIT दिल्ली, मद्रास तथा बॉम्बे स्थापित किए गए।
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3. तृतीय पंचवर्षीय योजना
– अवधि – सन् 1961 – 66
– मॉडल – सुखमय चक्रवर्ती का आगत-निर्गत मॉडल
– विकास दर – लक्षित – 5.6%
– प्राप्त – 2.4%
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – पंडित जवाहरलाल नेहरू
कार्यक्रम
– बोकारो संयंत्र झारखण्ड में स्थापित किया गया।
– सन् 1964 – यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (U.T.I) की स्थापना की गई।
– सन् 1964– भारतीय औद्योगिक विकास बैंक की स्थापना (I.D.B.I)
– सन् 1965 – भारतीय खाद्य निगम (F.C.I.) की स्थापना
– सन् 1965 – कृषि कीमत आयोग स्थापना।
– सन् 1985 में कृषि कीमत आयोग को कृषि कीमत व लागत आयोग (CACP) बना दिया गया।
नोट – यह योजना सर्वाधिक असफल रही।
– योजना की असफलता के कारण-
1. 1962 का भारत-चीन युद्ध
2. 1965 का भारत-पाक युद्ध
3. 1965-66 का भयंकर अकाल
योजना विहीन काल (सन् 1966-69)- 3 वर्षीय योजनाएँ बनाई गई।
– सन् 1962 में भारत का चीन के साथ तथा सन् 1965 में पाकिस्तान से युद्ध होने के कारण तीसरी पंचवर्षीय योजना असफल रही, जिसके कारण पंचवर्षीय योजना के स्थान पर तीन एक वर्षीय योजनाएँ लागू की गई।
– इसे योजना अवकाश भी कहा जाता है।
– सन् 1966-69 तक वार्षिक योजनाएँ लागू की गई।
– सन् 1966 में भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन भी हुआ।
– सन् 1966-67 में हरित क्रांति हुई जिसके प्रणेता भारत में M.S. स्वामीनाथन थे।
– हरित क्रांति में प्रभावित फसलें – गेहूँ, चावल थी।
4. चतुर्थ पंचवर्षीय योजना
– अवधि – सन् 1969 – 74
– मॉडल – अशोक रुद्र व ए.एस. मात्रे मॉडल (योजना आयोग के उपाध्यक्ष डी.आर.गॉडगिल द्वारा प्रारूप तैयार)
– लक्ष्य – स्थिरता के साथ आर्थिक विकास व आत्मनिर्भरता को प्राप्त करना।
– विकास दर – लक्षित 5.5%
– प्राप्त – 3.3%
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – इंदिरा गाँधी
कार्यक्रम-
– 19 जुलाई, 1969 को 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया जिसकी पूँजी 50 करोड़ से ज्यादा थी।
– सन् 1969 में MRTP Act लाया गया जिसके तहत पूँजी के केन्द्रीकरण को रोकना था।
– बफर स्टॉक की स्थापना की गई अर्थात् भविष्य की आवश्यकता पूर्ति हेतु अनाज रखना।
– सन् 1970 में ऑपरेशन फ्लड अर्थात् श्वेत क्रांति इसी योजना के तहत हुई, जिसके जनक वर्गीज कुरियन थे।
– सन् 1973-74 में सूखा प्रवण-क्षेत्र कार्यक्रम अपनाया गया।
– परिवार नियोजन कार्यक्रम भी इसी कार्यक्रम में अपनाया गया।
5. पंचम पंचवर्षीय योजना
– अवधि – सन् 1974 – 78
– मॉडल – डी.पी. धर
– लक्ष्य – गरीबी उन्मूलन के साथ आत्मनिर्भरता को प्राप्त करना।
– विकास दर – लक्ष्य 4.4%
प्राप्त – 4.8%
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – इंदिरा गाँधी-
कार्यक्रम-
– मई, 1974 में परमाणु परीक्षण किया गया।
– सन् 1974 – न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम चलाया गया।
– सन् 1975 – बीस सूत्रीय कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
– सन् 1977-78–गरीबी निवारण हेतु अंत्योदय कार्यक्रम चलाया गया।
– सन् 1977-78 काम के बदले अनाज योजना प्रारंभ की गई।
– ‘गरीबी हटाओ का नारा’ दिया गया।
– 25 जून, 1975 को आंतरिक विद्रोह के आधार पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा भी इसी योजना के तहत की गई।
– आपात प्रतिस्थापन तथा निर्यात संवर्धन को बढ़ाया गया।
नोट – अपने कार्यकाल से पूर्व समाप्त होने वाली एकमात्र योजना है।
अनवरत प्लान (Rolling plan)-
– जनता पार्टी की सरकार आने से वर्ष 1978-79 और 1979-80 में अनवरत योजना (रोलिंग प्लान) बनाया गया।
– अनवरत योजना के जनक – डॉ. गुर्नार मिडाल थे, भारत में लागू डी.डी.लकड़वाला ने की।
– सन् 1979 – ग्रामीण युवा स्वरोज़गार प्रशिक्षण कार्यक्रम (Trysem) की शुरुआत अनवरत योजना के दौरान ही की गई।
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – मोरारजी देसाई
6. छठी पंचवर्षीय योजना
– अवधि – सन् 1980-85
– मॉडल – आगत निर्गत मॉडल अर्थात् संरचनात्मक परिवर्तन व संवृद्धि उन्मुख मॉडल
– लक्ष्य – रोज़गार सृजन व गरीबी – उन्मूलन
– विकास दर – लक्ष्य – 5.2%
प्राप्त 5.7%
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – इंदिरा गाँधी
कार्यक्रम –
– 15 अप्रैल, 1980 को 6 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया जिनकी पूँजी 200 करोड़ से ज्यादा थी।
– 12 जुलाई, 1982 को नाबार्ड की स्थापना की गई।
– सन् 1982 में ही Exim बैंक की स्थापना की गई।
– मानक व्यक्ति वर्ष रोज़गार के लिए स्वीकार किया गया।
– 15 वर्षों को ध्यान में रखकर perspective planning बनाई गई।
– जनसंख्या संबंधी संरक्षण व सुधार को प्रथम बार स्वीकार किया गया।
रोज़गार हेतु निम्न कार्यक्रम /योजनाएँ चलाई गई-
– IRDP – एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम
– DWACRA – ग्रामीण महिला तथा बाल विकास
– TRYSEM- ग्रामीण युवाओं हेतु स्वरोज़गार प्रशिक्षण कार्यक्रम
– NREP – राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार कार्यक्रम
– RLEGP – ग्रामीण भूमिहीनों के लिए रोज़गार गारन्टी कार्यक्रम
7. सातवीं पंचवर्षीय योजना
– अवधि – सन् 1985 – 90
– मॉडल – आगत-निर्गत मॉडल यह दीर्घकालीन विकास व उदारीकरण मॉडल
– लक्ष्य – आधुनिकीकरण के साथ सामाजिक न्याय
– विकास दर – लक्षित – 4.4%
प्राप्त 6.1%
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – राजीव गाँधी
कार्यक्रम-
– रोज़गार में प्रतिवर्ष 4% की दर से विकास।
– खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि करना।
– ‘रोजी-रोटी उत्पादकता का नारा’ दिया गया।
– सन् 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम बनाया गया। वर्तमान में
संशोधित उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लाया गया है।
– सन् 1986 में स्पीड पोस्ट की शुरुआत की गई।
– 12 अप्रैल, 1992 को भारतीय प्रतिभूति व विनियम बोर्ड (SEBI) की स्थापना की गई।
– सन् 1985 – 86 को इंदिरा आवास योजना प्रारंभ की गई।
– सन् 1987 – को ट्राइफेड (अनुसूचित जनजातियों से संबंधित) की
स्थापना की गई।
– अप्रैल, 1989 – जवाहर रोज़गार योजना प्रारंभ की गई।
– अक्टूबर, 1989 – नेहरू रोज़गार योजना प्रारंभ की गई।
योजना विहीन कार्य 1990-92
– देश में आर्थिक अस्थिरता, प्रतिकूल भुगतान संतुलन के कारण 8वीं पंचवर्षीय योजना को लागू नहीं किया जा सका अत: वर्ष 1990-92 तक के काल को योजना विहिन काल कहा गया।
– जुलाई, 1991 में आर्थिक सुधार लागू किए गए। जिसे राव-सिंह सुधार भी कहते हैं, जिसके तहत (LPG) उदारीकरण, निजीकरण, वैश्ववीकरण की नीति अपनाई गई।
– सन् 1991 में ही भारतीय मुद्रा का तीसरी बार अवमूल्यन किया गया।
8. आठवीं पंचवर्षीय योजना
– अवधि – 1992-1997
– मॉडल – जॉन डब्ल्यू मिलर मॉडल
– लक्ष्य – मानव संसाधनों का विकास करना।
– विकास दर – लक्षित – 5.6%
– प्राप्त – 6.8%
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – पी.वी. नरसिम्हा राव
कार्यक्रम
– 15 अगस्त, 1995 में राष्ट्रीय पोषाहार कार्यक्रम चलाया गया।
– पूर्ण रोज़गार प्राप्ति हेतु रोज़गार सृजन पर बल दिया गया।
– 15 से 35 वर्ष तक आयुवर्ग में निरक्षरता का पूर्ण उन्मूलन किया गया।
– सन् 1993 में प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम चलाया गया।
– 1 जनवरी, 1995 को भारत WTO का संस्थापक सदस्य बना।
– कृषि में विविधता के साथ आत्मनिर्भरता तथा निर्यात में वृद्धि करना भी इस योजना का उद्देश्य था।
– आठवीं पंचवर्षीय योजना के तहत ही 73 वें तथा 74 वें संविधान संशोधन द्वारा स्थानीय स्वशासन की स्थापना की गई।
9. नौवीं पंचवर्षीय योजना
– अवधि सन् 1997 – 2002
– मॉडल – आगत-निर्गत मॉडल
– लक्ष्य – सामाजिक न्याय व क्षमता के साथ आर्थिक संवृद्धि।
– विकास दर – लक्षित – 6.5%
– प्राप्त – 5.4%
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – अटल बिहारी वाजपेयी
कार्यक्रम-
– सन् 1999 में कारगिल युद्ध भी इसी योजना के समय हुआ।
– सन् 1998 में सफल परमाणु परीक्षण (शक्ति 98) पोकरण रेंज राजस्थान में किया गया।
– सन् 1999-2000 में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम (NHDP) चलाया गया।
– 5 करोड़ नए रोज़गार सृजित करने का लक्ष्य रखा।
– नवंबर, 2000 को सर्वशिक्षा अभियान अर्थात् सभी के लिए प्राथमिक शिक्षा उपलब्धता का प्रावधान किया गया।
– दिसम्बर, 2000 को प्रधानमंत्री सड़क योजना प्रारंभ की गई।
10. दसवीं पंचवर्षीय योजना
– अवधि – सन् 2002-2007
– मॉडल – व्यापक आगत-निर्गत मॉडल
– लक्ष्य – सामाजिक न्याय व क्षमता के साथ आर्थिक विकास
– विकास दर – लक्षित 8.1%
प्राप्त – 7.7%
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – अटल बिहारी वाजपेयी व मनमोहन सिंह
कार्यक्रम-
– विगत उपलब्धियों को अक्षुण्ण बनाए रखना।
– 5 करोड़ नए रोज़गार सृजन करना।
– शिक्षा व मजदूरी में लिंग आधार पर अंतर को 50% कम करना।
– प्राथमिक शिक्षा का सन् 2007 तक सार्वजनीकरण करना।
– कर GDP अनुपात को बढ़ाकर 10.3% करना।
– शिशु मृत्यु दर सन् 2007 तक 45-प्रति हजार जीवित जन्म दर
– माह मृत्यु दर सन् 2012 तक 100-प्रति लाख जीवित जन्म दर
– अप्रैल, 2006 में नरेगा योजना लागू की गई।
11. ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना
– अवधि – 2007 – 12
– लक्ष्य – तीव्र व समावेशी विकास
– विकास दर – योजना में 9% की विकास दर का लक्ष्य रखा था जिसे
घटाकर 8.1% कर दिया गया। प्राप्त दर 7.9% रही।
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – मनमोहन सिंह
कार्यक्रम-
– निर्धनता अनुपात वर्ष 2012 तक 15% के स्तर पर लाना।
– शैक्षिक बेरोजगारी में 5% की कमी लाना।
– साक्षरता दर को 75% से ऊपर लाना।
– जनसंख्या वृद्धि दर 16.2% के स्तर पर लाना।
– मातृ मृत्यु दर – 100 प्रति लाख जीवित जन्म स्तर पर
– शिशु मृत्यु दर – 28 प्रति हजार जीवित जन्म स्तर पर
– ग्रामीण क्षेत्रों में टेली घनत्व को बढ़ाना।
– 1 अक्टूबर, 2009 को साक्षर भारत कार्यक्रम चलाया गया।
– 2 अक्टूबर, 2009 को नरेगा का मनरेगा नाम कर दिया गया।
– वर्ष 2011-12 में स्वाभिमान योजना चलाई गई।
12. बारहवीं पंचवर्षीय योजना
– अवधि – सन् 2012 – 17
– लक्ष्य – तीव्र, सतत व ज्यादा समावेशी विकास
– विकास दर – विकास दर का लक्ष्य 9% रखा, बाद में घटाकर 8.2% की गई पुन: घटाकर 8% की गई।
– प्राप्त- 6.7%
नोट – इस योजना में लक्ष्य दर में दो बार कमी की गई।
– नेतृत्व प्रधानमंत्री – मनमोहन सिंह (सन् 2014 तक)
उद्देश्य –
– तीव्र, सतत और समावेशी विकास से तात्पर्य – जल, जंगल तथा जमीन का न्यायपूर्ण वितरण।
– सर्वाधिक बजट इस पंचवर्षीय योजना में ऊर्जा पर खर्च किया जाएगा व दूसरा स्थान सामाजिक व सामुदायिक सेवाओं पर।
– गरीबी को 10% कम करने का लक्ष्य रखा गया है (प्रतिवर्ष 2%) इस समय 1 जनवरी, 2013 को U P A सरकार ने नकद सब्सिडी योजना (DBT Direct Benifit Tranfar) प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण योजना शुरू की, जिसे पहले चरण में 20 जिलों में लागू किया गया, जिसमें राजस्थान के तीन जिलें – अजमेर, अलवर व उदयपुर शामिल। नारा ‘आपका पैसा आपके हाथ’
उद्देश्य –
– बिचौलियों की भूमिका को कम करना ताकि सही लाभार्थी को लाभ मिल सके। इसी के तहत रसोई गैस में Direct सब्सिडी देने के लिए NDA सरकार ने 1 जनवरी, 2015 को ‘पहल योजना’ शुरू की।
कार्यक्रम-
– भारत के सभी गाँवों को 12 महीने सड़कों तथा बिजली से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया।
– दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना – पहले राजीव गाँधी के नाम पर थी।
– वित्तीय समावेशन के तहत योजना के अंत तक (2017) भारत के 90% परिवारों को बैंकों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया।
– सकल (कुल) सिचिंत क्षेत्र को 90 मिलियन हैक्टेयर से बढ़ाकर 103 मिलियन हैक्टेयर करने का लक्ष्य।
– बचत दर को GDP का 33.6% लाने का लक्ष्य रखा गया तथा निवेश दर को भी बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा।
– 12वीं योजना में सर्वाधिक प्रावधान सामाजिक सेवाओं पर 34.74% रखा।
– गरीबी अनुपात को 10% से कम करना।
– गैर कृषि क्षेत्र में 5 करोड़ नए रोज़गार सृजन करना।
– वनाच्छादित क्षेत्रफल में वृद्धि करना।
– स्कूल में ठहराव अवधि – 7 वर्ष करना।
– सब्सिडी योजना प्रत्यक्ष लाभ – हस्तांतरण लागू की।
– नामांकन में लिंग आधारित अंतर को समाप्त करना।
– शिशु मृत्यु दर – 25-हजार जीवित जन्म पर।
– प्रजनन दर – 2.1 के स्तर पर लाना।
– राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम सन् 2013 में लागू किया गया।
मोदी सरकार द्वारा
– प्रधानमंत्री जन धन योजना – 28 अगस्त, 2014
– मेक इन इंडिया – 25 सितम्बर, 2014
– स्किल इंडिया – 15 जुलाई, 2015
– स्वच्छ भारत मिशन – 02 अक्टूबर, 2014
– सांसद आदर्श ग्राम योजना – 11 अक्टूबर, 2014
– बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ – 22 जनवरी, 2015
– डिजिटल इंडिया – 01 जुलाई, 2015 इत्यादि।
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