भारत में परिवहन के साधन – जल , स्थल एवं वायु परिवहन

भारत में परिवहन के साधन
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क्या आप जानते हैं भारत में परिवहन के साधन कौन-कौन से हैं जिनमें मुख्य रूप से जल परिवहन , स्थल परिवहन एवं वायु परिवहन है अगर आप इन तीनों के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो आप हमारी इस पोस्ट को पूरा जरूर पड़े जिसमें हमने सरल एवं आसान भाषा में क्लासरूम नोट्स उपलब्ध करवाए हैं ताकि आप घर बैठे अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं आप परिवहन से संबंधित जो भी पढ़ना चाहते हैं वह सभी इस पोस्ट में शामिल है 

भारत का भूगोल विषय का यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जहां से हर बार परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं इसलिए आप इन नोट्स को एक बार जरूर पढ़ें

भारत में परिवहन के साधन

·   किसी देश की सतत आर्थिक वृद्धि में परिवहन प्रणाली की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। देश में तंत्र की सघनता और आधुनिकता वहाँ के आर्थिक विकास का संकेत है। भारत एक विशाल देश हैजिसमें प्राकृतिकआर्थिकसामाजिक  अन्य विविधताएँ पाई जाती है। इन विविधताओं को एकता के सूत्र में बाँधने में परिवहन के साधनों का विशेष योगदान है। भारत में पिछले कुछ वर्षों में परिवहन के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

परिवहन संसाधनों का वर्गीकरण

सड़क परिवहन

·   भारत में प्राचीनकाल से सड़क परिवहन (Road Transport) का अधिक महत्त्व रहा है। भारत की सड़क प्रणाली विश्व की दूसरी सबसे बड़ी प्रणाली है। यहाँ प्रतिवर्ष सड़कों द्वारा 65%  माल ढुलाई और 80% सवारी यात्री तथा 70% भार यातायात का परिवहन किया जाता है। सड़कों का निर्माण एवं रख-रखाव रेल परिवहन की तुलना में सस्ता है और यह छोटी दूरियों की यात्रा के लिए अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल होता है।

·   देश के सड़क नेटवर्क को पाँच भागों में बाँटा गया हैं-

(i) राष्ट्रीय राजमार्ग/एक्सप्रेस मार्ग

(ii) राज्यों के राजमार्ग

(iii) जिला सड़कें

(iv) ग्रामीण सड़कें

(v) सीमावर्ती सड़कें

राष्ट्रीय राजमार्ग/एक्सप्रेस मार्ग1,32,500 किमी.
राज्यीय राज मार्ग1,56,694 किमी.
अन्य सड़कें56,08,477 किमी.
कुल58,97,671 किमी.

राष्ट्रीय राजमार्ग/एक्सप्रेस मार्ग

·   भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 132500 किमीहै।

·   राज्यों की राजधानियों, बड़े-बड़े औद्योगिक नगरों तथा प्रमुख पोताश्रयों को मिलाने वाला यह मार्ग केन्द्र सरकार के नियन्त्रण में होता है, जिसका विकास तथा रख-रखाव का कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) करता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का प्रचालन वर्ष 1995 में हुआ था। राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई देश की सड़कों की लम्बाई का मात्र 2.06% है, परन्तु देश के कुल यातायात का 40% इन्हीं राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से होता है।

राष्ट्रीय राजमार्गों का वितरण

·   हमारे देश में सड़कों का वितरण समरूप नहीं है। भू-भाग की प्रकृति तथा आर्थिक विकास का स्तर सड़कों के घनत्व के प्रमुख निर्धारक हैं। मैदानी क्षेत्र में सड़कों का निर्माण आसान एवं सस्ता होता है, जबकि पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्रों में कठिन एवं महँगा होता है। इसलिए, मैदानी क्षेत्रों की सड़कें न केवल घनत्व, बल्कि सड़कों की गुणवत्ता की दृष्टि से अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों, बरसाती तथा वनीय क्षेत्रों की तुलना में अपेक्षाकृत बढ़िया होती है।

·   राष्ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक लम्बाई महाराष्ट्र (17757 किमी) उत्तर प्रदेश (11737 किमी.) में पाई जाती है, इसके बाद राजस्थान (10342 किमी) में है। प्रति 1000 व्यक्तियों पर राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई के सन्दर्भ में प्रथम स्थान अरुणाचल प्रदेश का है, जहाँ यह आँकड़ा 1,816 किमी. है। दूसरे स्थान पर मिजोरम (1,044 किमी.) है।

1. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 1 (NH-1)

· यह उरी, बारामूला, श्रीनगर, कारगिल और लेह से गुजरता है। (जम्मू – कश्मीर एवं लद्दाख), यह भारत की उत्तरी सीमा के समानांतर है। कुल लम्बाई 422 किमी. है।

2. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 2 (NH-2)

· लम्बाई – 1325.63 किमी.। यह डिब्रूगढ़ से शुरू होता है और असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम राज्यों को शिवसागर, कोहिमा, इम्फाल, और तुइपांग के साथ जोड़ता है। यह उत्तर – पूर्व भारत का दूसरा लम्बा राजमार्ग है। यह भारत म्यांमार सीमा के समानांतर है।

3. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 3 (NH-3)

· अटारी, अमृतसर, जालंधर, अवादेवी, मण्डी, कुल्लू मनाली (पंजाब, जम्मू – कश्मीर, हिमाचल प्रदेश) कुल लम्बाई 883.18 किमी. है।

4. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 4 (NH-4)

· मायाबंदर से पोर्ट ब्लेयर (अण्डमान निकोबार) लम्बाई 330.70 किमी. है।

5. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 5 (NH-5)

· पंजाब, हरियाणा एवं  हिमाचल प्रदेश में कुल लम्बाई 660.13  किमी.है।  पंजाब के फिरोजपुर से हिमाचल प्रदेश के शिपकिला तक।

6. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 6 (NH-6)

· लम्बाई – 636.52 किमी.। यह मेघालय के जोरबट के पास से शुरू होकर मिजोरम के शिलांग में समाप्त होता है। यह उत्तर – पूर्व भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। यह मेघालय, असम और मिजोरम राज्यों से होकर गुजरता है। यह पूर्वोत्तर राज्यों में बांग्लादेश सीमा के समानांतर है।

7. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 7 (NH-7)

· फाजिल्का, भटिण्डा, पटना, शाहीद, देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग, प्रणप्रयाग, चमोली, बद्रीनाथ, माना दर्रा (पंजाब, चंडीगढ़, हिमालय, उत्तराखण्ड) कुल लम्बाई – 845.25 किमी.

8. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 9 (NH-9)

· मलौत(पंजाब) से हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश  होकन उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ को कुल लम्बाई 748.05 किमी. जोड़ता है।

9. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 10 (NH-10)

· सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल से सिक्किम के गंगटोक को 117.97 किमी. की लम्बाई से जोड़ता.है।

10. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 11 (NH-11)

· जैसलमेर, पोखरण, बीकानेर, फतेहपुर (सीकर) से लेकर रेवाड़ी (हरियाणा) तक कुल लम्बाई 847.7 किमी. है।

11. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 12 (NH-12)

· पश्चिम बंगाल के रायगंज, गजोल, मालदा, फरक्का, बहरामपुर, कृष्णानगर वारासत, कोलकाता, काकद्वीप होते हुए वोकखली को जोड़ता है। (432.2 किमी.)

12. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 13 (NH-13)

· लम्बाई – 1293 किमी. (पुराना NH-229) यह अरुणाचल प्रदेश के तवांग से शुरू होकर वाक्रो तक जाता है। यह राजमार्ग सेला झील के खूबसूरत कस्बे, दिरांग, बोमडिला, जीरो टाउन, बीरू और पासीघाट से गुजरता है।

13.राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 16 (NH-16)

· लम्बाई – 1621.62 किमी. (पुराना NH-5) यह स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का हिस्सा है जो पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के पूर्वी तट के साथ – साथ चलता है। यह चेन्नई से कोलकाता को जोड़ता है।

14 राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 19 (NH-19)

· लम्बाई – 1269.71 किमी.(पुराना NH-2) इसे दिल्ली – कोलकाता रोड भी कहते हैं। यह भारत के व्यस्ततम राजमार्गों में से एक है जो आगरा, वाराणसी, बरही, आसनसोल और कोलकाता के प्रमुख शहरों से गुजरता है। इसे ग्राण्ड ट्रंक रोड भी कहते हैं एवं यह स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का एक हिस्सा है।

15. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 27 (NH-27)

·   (लम्बाई – 3507 किमी.) यह राष्ट्रीय राजमार्ग पूर्व-पश्चिम गलियारे का भाग है। जो पोरबंदर से शुरू होकर सिलचर में समाप्त होता है। यह गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम राज्यों से गुजरता है। झाँसी, उत्तर – दक्षिण व पूर्व – पश्चिम गलियारों का जंक्शन है। भारत का सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग।

16. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 30 (NH-30)

· लम्बाई -1985 किमी. (पुराना NH-221) यह उत्तराखण्ड के सितारगंज को आंध्र प्रदेश के इब्राहिम पट्‌टनम से जोड़ता है। NH-30 लखनऊ, प्रयागराज, जबलपुर, रायपुर और भद्राचलम शहरों के माध्यम से 1985 किमी. की दूरी तय करते हुए भारत के 6 प्रमुख राज्यों से होकर गुजरती है।

17. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 31 (NH-31)

· यह उत्तरप्रदेश से शुरू होकर, पश्चिम बंगाल में समाप्त हो जाता है।

18.राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 34 (NH-34)

· यह उत्तराखंड के गंगोत्री धाम से चलता है एवं NH-44 पर लखनादौन, जबलपुर के पास समाप्त होता है। इसके मार्ग में उत्तरकाशी, ऋषिकेश, हरिद्वार, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, दमोह और जबलपुर शामिल हैं।

19.राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 44 (NH-44)

· लम्बाई 3718.36 किमी. यह भारत का दूसरा सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग है। यह श्रीनगर से कन्याकुमारी तक जाता है। यह जम्मू – कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु राज्य से गुजरता है। यह भारत में सर्वाधिक राज्यों से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग है। NH-44 पुराने को मिलाकर अस्तित्व में लाया गया है, जिसमें NH-1A, NH-1, NH-2, NH-3, NH-75, NH-26 और NH-7 शामिल है। यह स्वर्णिम चतुर्भुज व उत्तर – दक्षिण कॉरिडोर का भाग है।

20. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 47 (NH-47)

· लम्बाई – 1006 किमी. यह बामनबोर, गुजरात से शुरू होकर नागपुर महाराष्ट्र तक जाता है। इस राजमार्ग के पथ में बामनबोर, लिम्बड़ी गोधरा, इंदौर, हरदा, बैतुल आते हैं तथा यह नागपुर में NH-44 से जुड़ जाता है।

21.राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 48 (NH-48)

· लम्बाई – 2730.65 किमी. (पुराना NH-8) यह दिल्ली से शुरू होकर चेन्नई तक जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या – 8 दिल्ली से जयपुर तक किशनगढ़ एक्सप्रेस वे, नेशनल एक्सप्रेस वे 1, उदयपुर से वड़ोदरा और बड़ौदा से बॉम्बे सहित अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों का विलय किया जाता है।

22.राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 52 (NH-52)

· लम्बाई – 2125.7 किमी. यह पंजाब के संगरूर से प्रारम्भ होकर हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट, होते हुए कर्नाटक के अंकोला को जोड़ता है।

23. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 53 (NH-53)

· लम्बाई – 1780.1 किमी. यह गुजरात में हजीरा को ओडिशा के पाराद्वीप बंदरगाह को जोड़ने वाला राजमार्ग है।

· यह गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के चार राज्यों से होकर गुजरता है।

24. राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 66 (NH-66)

· लम्बाई – 1636.6 किमी. (पुराना NH-17) NH-17 भारत के पश्चिमी घाट के समानांतर चलता है यह महाराष्ट्र के पनवेल से कन्याकुमारी तक जाता है।

► एक्सप्रेस राजमार्ग

– तेज व्यापारिक वाहनों को कम अवधि में गन्तव्य तक पहुँचाने हेतु एक्सप्रेस राजमार्ग बनाया गया है। ये राजमार्ग प्रायः 4 एवं 6 लेन वाले होते हैं। एक्सप्रेस राजमार्ग के कुछ उदाहरण-पुणे-मुम्बई एक्सप्रेस राजमार्ग, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस राजमार्ग (वाया-जयपुर), यमुना एक्सप्रेस राजमार्ग आदि हैं।

► स्वर्णिम चतुर्भुज योजना

·   इसके अन्तर्गत देश के चार महानगरों-दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई तथा कोलकाता को उच्च गुणवत्ता युक्त सड़कों से जोड़ा गया है। इसकी कुल लम्बाई 5846 किमी. है।

► उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर योजना

·   उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर का निर्माण कन्याकुमारी (तमिलनाडु) से श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) तक तथा पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर का निर्माण पोरबन्दर (गुजरात) से सिल्चर (असम) तक किया गया है। यह भी उच्च गुणवत्ता युक्त महामार्ग है, जिसकी कुल लम्बाई 7300 किमी. है। पूर्व-पश्चिम तथा उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर एक-दूसरे से झाँसी में मिलते हैं।

► राज्यों के राजमार्ग

·   राज्यों के राजमार्गों के निर्माण तथा रख-रखाव का दायित्व राज्य सरकार पर होता है। ये राज्य के प्रमुख शहरों, जिला मुख्यालयों एवं राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ता है।

·   प्रान्तीय राजमार्गों की सबसे अधिक लम्बाई महाराष्ट्र में है।

·   भारत में राज्य राजमार्गों की कुल लंबाई 186908 किमी. है।

► जिला सड़कें

· लगभग 4.7 लाख किमी. लम्बी जिला सड़कें जिला मुख्यालय से जिले के सभी पुलिस स्टेशन को जोड़ती है। ये सड़कें जिला बोर्डों के अधीन होती है।

► ग्रामीण सड़कें

·   ग्राम पंचायत के द्वारा ग्रामीण सड़कें बनाई जाती हैं। वर्तमान समय में भी देश की आधी से अधिक ग्रामीण सड़कें कच्ची हैं, जो वर्षा के मौसम में परिवहन के लिए कठिनाई उत्पन्न करती है।

·   प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत ग्रामीण परिवहन तंत्र को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।

► प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY)

·   500 व्यक्तियों या इससे अधिक आबादी वाले मैदानी क्षेत्रों तथा 250 व्यक्तियों या इससे अधिक आबादी वाले पहाड़ी, रेगिस्तानी एवं जनजातीय क्षेत्रों में सभी मौसम में सिंगल कनेक्टिविटी देने के लिए दिसम्बर, 2000 में प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना प्रारम्भ की गई थी।

► भारत निर्माण योजना (BNY)

·   1000 की आबादी वाले मैदानी क्षेत्रों तथा 500 की आबादी वाले पहाड़ी तथा जनजातीय क्षेत्रों में भारत निर्माण योजना सभी मौसमों वाली सड़कों से सम्बद्धता प्रदान करता है।

·   इन सड़कों का सामरिक महत्त्व होता है। इस कारण इन सड़कों के रख-रखाव पर सरकार का विशेष ध्यान है।

► सीमावर्ती सड़कें

·   अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं के सहारे बनाई गई सड़कों को सीमावर्ती सड़कें कहा जाता है। ये सड़कें सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रमुख नगरों से जोड़ने और प्रतिरक्षा प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनका निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) (1960) करता है।

·   सीमावर्ती सड़कों का निर्माण सभी देशों में गाँवों एवं सैन्य शिविरों तक वस्तुओं को पहुँचाने के लिए किया गया है।

► भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

·   इस प्राधिकरण की स्थापना वर्ष 1988 में एक संसदीय अधिनियम के द्वारा की गई।

·   यह केंद्रीय सरकार द्वारा सौंपे गए राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, अनुरक्षण और प्रबंधन तथा उनसे जुड़े अथवा उनके प्रासंगिक कार्यों के लिए उत्तरदायी है। यह प्राधिकरण वर्ष 1995 से प्रचालन में हैं।

► भारत माला परियोजना

·   यह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत एक वृहद् अंब्रेला स्कीम है। इसके द्वारा भारतीय सीमावर्ती राज्यों को जोड़ने के साथ उनके तटीय राज्यों एवं बंदरगाहों से जोड़ा जाएगा। इसके अंतर्गत गैर प्रमुख पत्तनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

·   भारत माला परियोजना सड़क परिवहन के क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी योजना है।

► सेतु भारतम् योजना

·   प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे क्रॉसिंग पर बार – बार होने वाली दुर्घटना को रोकने के लिए मार्च, 2016 को इस योजना का शुभारंभ किया।

·   इस योजना के तहत सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त बनाया जाएगा।

·   लगभग 1500 पुराने व खराब स्थिति वाले पुलों को चरणबद्ध तरीके से सुदृढ़ किया जाएगा।

रेल परिवहन

·   भारत में पहली रेलगाड़ी 16 अप्रैल, 1853 को मुम्बई से थाणे के मध्य लॉर्ड डलहौजी के काल में चलाई गई थी। तदुपरान्त 1854 ई. में कलकत्ता से रानीगंज के मध्य रेल सेवा की शुरुआत हुई।

· भारतीय रेल नेटवर्क एशिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है तथा एकल प्रबन्धनाधीन यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है। यह विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है, इसके 16 लाख से भी अधिक कर्मचारी हैं। यह भारत में माल और यात्रियों के परिवहन का मुख्य साधन है।

·   रेलवे पटरी की चौड़ाई के आधार पर भारतीय रेल के तीन वर्ग बनाए गए हैं-

·   बड़ी लाइन (Broad gauge) – ब्रॉड गेज में रेल पटरियों के बीच की दूरी 1.616 मी. होती है। ब्रॉड गेज लाइन की कुल लम्बाई वर्ष 2019-20 में 67,956. किमी. थी।

·   मीटर लाइन (Meter gauge) – इसमें दो रेल पटरियों के बीच की दूरी एक मीटर होती है। इसकी कुल लम्बाई वर्ष 2011 में 2402 किमी. थी।

·   छोटी लाइन (Narrow gauge) – इसमें दो रेल पटरियों के बीच की दूरी 0.762 मीटर या 0.610 मी. होती है। इसकी कुल लम्बाई वर्ष 2011 में 1604 किमी. थी। यह प्रायः पर्वतीय क्षेत्रों तक सीमित है।

► कोंकण रेलवे –

·   कोंकण रेलवे का प्रारम्भ मार्च, 1990 में गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा केरल के बीच छोटे-से-छोटे रेलवे मार्ग द्वारा एक लिंक प्रदान करने के लिए प्रारम्भ की गई। रोहा से मंगलौर के बीच 760 किमी. की दूरी इस परियोजना में सम्मिलित है।

  रेलवे जोन –

·   भारतीय रेल को 18 रेलवे जोनों में बाँटा गया है, ताकि प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से किया जा सके। ये सत्रह रेलवे जोन निम्नलिखित हैं-

रेलवे जोन

क्र.सं.जोनमुख्यालय
1मध्य रेलवे (CR)मुम्बई वी टी
2पूर्वी रेलवे (ER)कोलकाता
3उत्तरी रेलवे (NR)नई दिल्ली
4उत्तरी-पूर्वी रेलवे (NER)गोरखपुर
5उत्तरी-पूर्वी सीमान्त प्रान्त रेलवे (NEFR)मालेगाँव गुवाहाटी
6दक्षिणी रेलवे (SR)चेन्नई
7दक्षिणी-मध्य रेलवे (SCR)सिकन्दराबाद
8दक्षिण-पूर्वी रेलवे (SER)कोलकाता
9पश्चिमी रेलवे (WR)मुम्बई चर्चगेट
10पूर्वी-मध्य रेलवे (ECR)हाजीपुर
11उत्तरी पश्चिमी रेलवे (NWR)जयपुर
12पूर्वी तटवर्ती रेलवे (ECR)भुवनेश्वर
13उत्तरी-मध्य रेलवे (NCR)प्रयागराज
14दक्षिण-पश्चिम रेलवे (SWR)हुगली
15पश्चिमी-मध्य रेलवे (ECR)जबलपुर
16दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे (SECR)बिलासपुर
17कोलकाता मेट्रो (KMR)कोलकाता (नवीनतम)
18दक्षिणी तट रेलवेविशाखापट्टनम्

► डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर

· डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेलवे की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसके पूरा हो जाने से माल वाहन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हो जाएगी। इस योजना के अन्तर्गत दो गलियारे बनाए गए हैं- प्रथम दादरी (दिल्ली के निकट) मुम्बई के बीच है, जिसे पश्चिमी गलियारा (Western Corridor) कहा जाता है। दूसरा लुधियाना से दानुकुनी (हावड़ा के निकट) के बीच पूर्वी गलियारा (Estern Corridor) है।

·   पश्चिमी गलियारे की कुल लम्बाई 1504 किमी. है, जबकि पूर्वी गलियारा 1873 किमी. लम्बा है।

► टॉय ट्रेन्स

·   भारतीय रेल द्वारा निम्न टॉय ट्रेन्स भी चलाई जाती हैं

·   दार्जिलिंग टॉय ट्रेन – इसे वर्ष 1999 से यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत का दर्जा हासिल है।

·   शिमला टॉय ट्रेन-कालका से शिमला तक।

·   माथेरान टॉय ट्रेन।

· नीलगिरि माउण्टेन ट्रेन-इसे विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त है।

► सेमी – हाई स्पीड ट्रेनें एवं बुलेट ट्रेन

·   नौ गलियारों को 160/200 किमी. प्रति घंटा की अर्द्ध उच्च गति वाली ट्रेनों के लिए चुना गया है, जो निम्नलिखित हैं-

  1. दिल्ली – आगरा                       2. दिल्ली – कानपुर

  3. दिल्ली – चंडीगढ़                      4. नागपुर – बिलासपुर

  5. मैसूर – बेंगलुरु – चेन्नई              6. मुंबई – गोवा

  7. मुंबई – अहमदाबाद                  8. चेन्नई – हैदराबाद

  9. नागपुर – सिकंदराबाद

·   भारत एवं जापान के सहयोग से बनने वाली मुम्बई – अहमदाबाद हाई – स्पीड रेलवे लाइन का निर्माण वर्ष 2017 में प्रारंभ किया गया तथा वर्ष 2023 के आरंभ तक देश की पहली बुलेट ट्रेन चलने की संभावना है।

भारत में रेलवे की उत्पादन इकाइयाँ

कारखानास्थापनावर्षस्थानराज्यविवरण
चितरंजन लोकोमोटिव1950चितरंजनपश्चिम बंगालरेलवे विद्युत इन्जन बनाने का सबसे पुराना कारखाना
इण्टीग्रल कोच फैक्ट्री02 अक्टूबर 1955पेराम्बटूर, चेन्नईतमिलनाडुसवारी डिब्बे का निर्माण
रेल कोच फैक्ट्री1985कपूरथलापंजाबरेल डिब्बे का निर्माण
डीजल लोकोमोटिव वर्क्स1956वाराणसीउत्तरप्रदेशडीजल इन्जन व विद्युत शटर्स का निर्माण
डीजल इन्जन आधुनिकीकरण कारखाना1983पटियालापंजाबडीजल इन्जन के संघटकों का निर्माण

भारत में मेट्रो रेल

· भारत में मेट्रो रेल का शुभारम्भ कोलकाता में वर्ष 1972 में तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी द्वारा किया गया। इस भूमिगत रेलमार्ग की कुल लम्बाई 16.45 किमी. है।

·   वर्ष 1996 में दिल्ली मेट्रो रेल की स्वीकृति दी गई तथा 25 सितम्बर, 2002 से इसका व्यावसायिक परिचालन प्रारम्भ हुआ। दिल्ली मेट्रो भारत सरकार तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार का संयुक्त उपक्रम है। इसके जनक इ. श्रीधरन है।

·   देश के पाँच महानगरों में वर्ष 2010 में सरकार ने नई मेट्रो परियोजना को मन्जूरी दी है।

·   ये महानगर – जयपुर, मुम्बई, चेन्नई, पुणे,लखनऊ, कोच्चि, हैदराबाद एवं नागपुर हैं।

वायु परिवहन

·   वायु परिवहन का व्यापक महत्त्व होता है। इससे किसी देश के आर्थिक विकास में मदद के अलावा युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं के समय लोगों को शीघ्र सहायता पहुँचाने में सुविधा होती है।

·   एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया (AAI) – भारतीय वायुक्षेत्र में सुरक्षित, सक्षम वायु यातायात एवं वैमानिकी संचार सेवाएँ प्रदान करने के लिए उत्तरदायी है।

·   मुक्त आकाश की नीति (Open Sky Policy) को अप्रैल, 1992 में सरकार द्वारा अपनाया गया। भारतीय निर्यात को सहायता देना तथा उसके निर्यात को विश्व बाजार में अधिक प्रतियोगितापूर्ण बनाना इसका मुख्य उद्देश्य था। इस नीति के तहत वायु परिवहन में निजी क्षेत्र को पुनः वर्ष 1992 में अनुमति दी गई।

► भारत की प्रमुख वायु परिवहन कम्पनी

·   भारत की प्रमुख वायु परिवहन कम्पनियाँ निम्नलिखित हैं-

► एयर इण्डिया और इण्डियन एयर लाइन्स

·   वर्ष 1953 में सभी विमान कम्पनियों का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation) कर दिया गया तथा ‘एयर इण्डिया’ और ‘इण्डियन एयरलाइन्स’ अस्तित्व में आई।

·   एयर इण्डिया को अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों का दायित्व सौंपा गया जबकि इण्डियन एयरलाइन्स को अन्तर्देशीय तथा पड़ोसी देशों की सेवाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई। बाद में इण्डियन एयरलाइन्स को इण्डियन नाम दे दिया गया।

·   केन्द्र सरकार ने 21 फरवरी, 2007 को दोनों सरकारी वायु सेवाओं के विलय को मंजूरी दे दी। विलय के बाद नई कम्पनी का नाम एयर इण्डिया रखा गया।

जल परिवहन

·   भारत में परिवहन का सबसे पुराना साधन सबसे सस्ता एवं पर्यावरण के अनुकूल साधन है। आकार में बड़े एवं भारी सामानों के परिवहन हेतु यह सर्वाधिक उपयुक्त साधन है।

·   जल परिवहन दो प्रकार का होता हैं-
· आन्तरिक जल परिवहन
· महासागरीय जल परिवहन

► आन्तरिक जल परिवहन

·   भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (INWA) की स्थापना राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास, रख-रखाव तथा नियमन के लिए 27 अक्टूबर, 1986 को की गई।

·   केन्द्रीय अन्तर्देशीय जल परिवहन निगम की स्थापना मई, 1967 में की गई, जिसका मुख्यालय कोलकाता में है। यह निगम गंगा-भागीरथी, हुगली तथा ब्रह्मपुत्र नदियों में अन्तर्देशीय माल ढुलाई का प्रबन्ध करता है।

► भारत की नाव्य नहरें

·   नाव्य नहरों का भारत में अभाव है। मुख्य नहरें जिसका प्रयोग आन्तरिक जल परिवहन के रूप में किया जाता है, निम्नलिखित हैं-

·   कुर्नूल कुडप्पा नहर (आन्ध्र प्रदेश) – 117 किमी.

·   मिदनापुर नहर (पश्चिम बंगाल) – 459 किमी.

भारत के प्रमुख राष्ट्रीय जलमार्ग  (आंतरिक)  

महासागरीय जल परिवहन

· भारत के पास द्वीपों सहित लगभग 7,517 किमी. लम्बा समुद्र तट है। 13 प्रमुख तथा 200 से अधिक गौण पत्तन समुद्री परिवहन को संरचनात्मक आधार प्रदान करते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था के परिवहन सेक्टर में महासागरीय मार्गों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

·   भारत में भार के अनुसार लगभग 95% तथा मूल्य के अनुसार 70% विदेशी व्यापार महासागरीय मार्गों द्वारा होता है। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के साथ-साथ इन मार्गों का उपयोग देश की मुख्य भूमि तथा द्वीपों के बीच परिवहन के लिए भी होता है।

भारत के प्रमुख बन्दरगाह

·   देश में कुल 13 बड़े बन्दरगाह हैं, इनमें काण्डला, मुम्बई, जवाहरलाल नेहरू (न्हावाशेवा), मार्मागाओं, न्यू मंगलौर और कोच्चि पश्चिमी तट पर स्थित, जबकि पूर्वी तट पर तूतीकोरिन, चेन्नई, एन्नोर, विशाखापट्‌टनम, पाराद्वीप और कोलकाता-हल्दिया हैं। वर्ष 2010 में पोर्ट ब्लेयर को मुख्य बन्दरगाह के रूप में घोषित किया गया है।

  बड़े पत्तनों का विवरण इस प्रकार हैं-

प्रमुख बन्दरगाह              विवरण
मुम्बई               प्राकृतिक बन्दरगाह, भारत का सबसे बड़ा बन्दरगाह । पेट्रोलियम उत्पादन तथा शुष्क माल का कारोबार प्रमुख रूप से।
कांडला          गुजरात के कच्छ की खाड़ी में स्थित एक ज्वारीय पत्तन, मुक्त व्यापार क्षेत्र घोषित।
मार्मागाओ     गोवा में स्थित प्राकृतिक पोताश्रय,  लौह-अयस्क का प्रमुख बन्दरगाह।
न्हावाशेवा        मुम्बई से दक्षिण में सहायक बन्दरगाह के रूप में (जवाहरलाल नेहरू पर निर्मित, नवीनतम आधुनिक सुविधाओं पत्तन) से युक्त भारत का सबसे बड़ा कण्टेनर पत्तन।
कोच्चि            केरल तट के पर लैगून पर स्थित एक प्राकृतिक बन्दरगाह।
चेन्नई                कृत्रिम बन्दरगाह। पूर्वी तट पर देश का  सबसे पुराना बन्दरगाह।
विशाखापट्‌टनमआन्ध्रप्रदेश के तट पर स्थित देश का  सबसे गहरा बन्दरगाह।
पाराद्वीप         ओडिशा तट पर स्थित गहरा  बन्दरगाह। लैगून सदृश पोताश्रय।
एन्नोर (कागराज बन्दरगाह)            चेन्नई के उत्तर में स्थित देश का प्रथम निगमित बन्दरगाह।
हल्दिया-कोलकाता (श्यामा प्रसाद मुखर्जी बन्दरगाह)हुगली नदी पर बंगाल की खाड़ी में स्थित एक नदी पत्तन।
तूतीकोरिन  (थी वि ओ चिदम्बनार बन्दरगाह)तमिलनाडु में दक्षिणी छोर पर स्थित। मुख्य रूप से कोयले का निर्यात।
पोर्टब्लेयर            देश का नवीनतम अधिसूचित  बन्दरगाह।
जलमार्ग संख्यालम्बाई (आन्तरिक जलमार्ग)विस्तारनदी
NW I1620 किमी. (सबसे लम्बा है)इलाहाबाद से हल्दिया तकगंगा
NW II891 किमी.सदिया सेधुबरी तकब्रह्मपुत्र
NW III205 किमी.कोल्लम से कोट्टापुरम तकचम्पाकारा, उद्योग मंडल, नहर
NW IV1095 किमी.काकीनाडा से पुडुचेरी तककाकीनारा नहर पर है
NW V623 किमी.जियान खेली से पराद्वीप बन्दरगाह तकवैतरणी नदी एवं नहर तंत्र
NW VI121 किमी.लखीमपुर सेमंगाबराक नदी

भारत की प्रमुख पाइपलाइन

  पाइपलाइनउद्देश्य
नाहरकटिया नूनमतीबरौनी पाइप लाइनपेट्रोलियम परिवहन
हजीराविजयपुरजगदीशपुरप्राकृतिक गैस परिवहन
हल्दिया – बरौनी पाइपलाइनपेट्रोलियम परिवहन
जामनगर – लोनी पाइपलाइनरसोई गैस परिवहन
कांडला – भटिंडा पाइपलाइनडीजल परिवहन
सलाया – कोयली – मथुरा पाइपलाइनपेट्रोलियम परिवहन
मुंबई – पुणे पाइपलाइनपेट्रोलियम परिवहन
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भारत में परिवहन के साधन – जल , स्थल एवं वायु परिवहन – इस पोस्ट में उपलब्ध करवाई गई नोट्स आपको कैसे लगे नीचे कमेंट करके जरूर बताएं ताकि हम आगे भी आपके लिए इसी प्रकार टॉपिक के अनुसार नोट्स बिल्कुल फ्री लेकर आते रहे जिससे आप घर बैठे किसी भी परीक्षा की तैयारी बिना किसी कोचिंग की बहुत ही अच्छे से कर सकते हैं

3 thoughts on “भारत में परिवहन के साधन – जल , स्थल एवं वायु परिवहन”

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