जब भी आप कंप्यूटर विषय को पढ़ते हैं तो उसमें आपको CPU and Computer Organization के बारे में जरूर पढ़ने के लिए मिलेगा आज की इस पोस्ट में हम इसी से संबंधित आपके समस्त जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं अगर आप इस टॉपिक को अच्छे से पढ़ना चाहते हैं और आगामी परीक्षा के लिए अच्छे से याद करना चाहते हैं तो हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़ें जिससे आपको कहानी अन्य जगह इस टॉपिक को पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि यहां हमने बिल्कुल सरल एवं आसान भाषा में आपको इस टॉपिक को समझाने का प्रयास किया है
CPU and Computer Organization
Central Processing Unit ( केन्द्रीय प्रक्रिया इकाई )
● CPU कम्प्यूटर का मस्तिष्क होता है, जिसका पूरा नाम केन्द्रीय प्रक्रिया इकाई होता है। इसका मुख्य कार्य प्रोग्रामों (Programs) को क्रियान्वित (Execute) करना है। इसके अलावा CPU कम्प्यूटर के सभी भागों, जैसे – मेमोरी, इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज के कार्यों को भी नियंत्रित करता है। प्रोग्राम और डेटा, इसके नियंत्रण में मेमोरी में संगृहीत होते हैं।
● कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग स्पीड को मिलियन इंस्ट्रक्सन प्रति सेकंड के द्वारा मापा जाता है।
● कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग स्पीड को हर्ट्ज अथवा गीगा हर्ट्ज से मापा जाता है।
● सीपीयू को कम्प्यूटर का मस्तिष्क एवं दिल भी कहा जाता है।
● सीपीयू इनपुट को आउटपुट में बदलता है।
● सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के मुख्य तीन भाग होते हैं। ये निम्नलिखित हैं-
1. ALU – एरिथमेटिक व लॉजिक यूनिट (Arithmetic & Logic Unit)
2. रजिस्टर (Register)
3. CU – कन्ट्रोल यूनिट (Control Unit)
Control Unit नियंत्रण इकाई
● यह भाग की आन्तरिक क्रियाओं का संचालन करता है। यह इनपुट/आउटपुट क्रियाओं को नियंत्रित करता है, साथ ही मेमोरी और ए.एल.यू. (ALU) के मध्य डेटा के आदान-प्रदान को निर्देशित करता है। यह प्रोग्राम को क्रियान्वित करने के लिए प्रोग्राम के निर्देशों को मेमोरी में से प्राप्त करता है। निर्देशों को विद्युत-संकेतों (Electric Signals) में परिवर्तित करके यह उचित डिवाइसेज तक पहुँचाता है, जिससे डेटा प्रक्रिया हेतु डेटा, मेमोरी में कहाँ उपस्थित है, क्यों क्रिया करनी है तथा प्रक्रिया के पश्चात् परिणाम मेमोरी में कहाँ स्टोर होना है, इन सभी निर्देशों के विद्युत-संकेत, सिस्टम बस (System Bus) की नियंत्रक बस (Control Bus) के माध्यम से कम्प्यूटर भागों (Components) तक संचारित होते हैं।
Arithmetic Logic Unit
अंकगणितीय व तार्किक इकाई:-
● एरिथमेटिक एवं लॉजिक यूनिट को संक्षेप में ए.एल.यू. यूनिट कहते हैं। यह यूनिट डेटा पर अंकगणितीय क्रियाएँ। (जोड़, बाकी, गुणा, भाग) और तार्किक क्रियाएँ (Logical Operations) करती है। इसमें ऐसा इलेक्ट्रॉनिक परिपथ होता है। जो बाइनरी अंकगणित (Binary Arithmetic) की गणनाएँ करने में सक्षम होता है। ए.एल.यू. सभी गणनाओं को पहले अंकगणितीय क्रियाओं में बाँट लेता है, जैसे – गुणा (Multiplication) को बार-बार जोड़ने की क्रिया में बदलना। बाद में इन्हें विद्युत पल्स (Pulse) में बदल कर परिपथ में आगे संचारित किया जाता है। तुलनात्मक क्रियाओं (Comparison Operations) में ए.एल.यू. दो संख्याओं या डेटा की तुलना करता है और प्रक्रिया (Processing) में निर्णय लेने का कार्य करता है। ए.एल.यू. (ALU), Control Unit से निर्देश (Instruction) लेता है। यह मेमोरी से डेटा प्राप्त करता है और मेमोरी में ही सूचना (Information) को लौटा देता है। ए.एल.यू. (ALU) के कार्य करने की गति अति तीव्र होती है। यह लगभग 1000000 गणनाएँ प्रति सेकंड की गति से करता है। इसमें कई रजिस्टर (Register) और एक्यूमुलेटर (Accumulators) होते हैं जो गणनाओं के दौरान क्षणिक संग्रह हेतु क्षणिक मेमोरी का कार्य करते हैं। ए.एल.यू. प्रोग्राम के आधार पर कंट्रोल यूनिट के बताए अनुसार सभी डेटा मेमोरी से प्राप्त करके एक्यूमुलेटर (Accumulator) में रख लेता है।
● उदाहरणार्थ, माना दो संख्याओं A और B को जोड़ना है। कंट्रोल यूनिट A की मेमोरी से चुनकर ए.एल.यू. में स्थित A में जोड़ती है। परिणाम मेमोरी में स्थित हो जाता है या आगे गणना हेतु एक्यूमुलेटर में संगृहीत रह जाता है।
गणितीय क्रियाएँ(ArithmeticOperations) | तुलनात्मक क्रियाएँ(Comparison Operations) |
+ जोड़ | = समान, ≠ असमान |
– घटाव | > बड़ा, ≯ बड़ा नहीं |
(x) गुणा | ≥बड़ा या समान, ≱ बड़ा या समान नहीं |
(/) भाग | ≤ छोटा या समान, ≰ छोटा या समान नहीं |
Instruction Set
● C.P.U के निर्देश, जो कमाण्ड्स (Commands) को क्रियान्वित (Execute) करने के लिए कन्ट्रोल यूनिट (Control Unit) में तैयार किए जाते है। निर्देश समूह (Instruction Set) वैसे सभी क्रियाओं की सूची तैयार करता है जो C.P.U. कर सकता है। इन्स्ट्रक्शन सेट (Instruction Set) का प्रत्येक निर्देश (Instruction) माइक्रो कोड (Micro Code) में व्यक्त किया जाता है जो C.P.U. को यह बताता है कि जटिल क्रियाओं को कैसे क्रियान्वित करें।
● Register:-
● रजिस्टर कम्प्यूटर की सबसे तेज मेमोरी होती है।
रजिस्टर कम्प्यूटर की अस्थायी मेमोरी होती है।
कम्प्यूटर निर्देश C.P.U. के द्वारा क्रियान्वित किए जाते हैं। निर्देशों को क्रियान्वित करने के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है। सूचनाओं को संतोषजनक व तेजी से आदान-प्रदान के लिए कम्प्यूटर का सी.पी.यू. (CPU) मेमोरी यूनिट का प्रयोग करता है। इन मेमोरी यूनिट को रजिस्टर (Register) कहते हैं। रजिस्टर मुख्य मेमोरी के भाग नहीं होते हैं। इनमें सूचनाएँ अस्थायी रूप में संगृहीत रहती है। किसी भी रजिस्टर का आकार यदि 8 बिट संगृहीत कर सकता है तो इसे 8 बिट रजिस्टर कहते हैं। इन दिनों 16 बिट रजिस्टर वाले कम्प्यूटर तो साधारण है जबकि 32 बिट तथा 64 बिट के प्रोसेसर भी उपलब्ध है। रजिस्टर जितने अधिक बिट की होगी उतनी ही अधिक तेजी से कम्प्यूटर में डेटा प्रोसेसिंग का कार्य सम्पन्न होगा। कम्प्यूटर में प्रायः निम्न प्रकार के रजिस्टर होते हैं।
● मेमोरी एड्रेस रजिस्टर (Memory Address Register)
● मेमोरी बफर रजिस्टर (Memory Buffer Register)
● प्रोग्राम कन्ट्रोल रजिस्टर (Accumulator Register)
● एक्यूमुलेटर रजिस्टर (Accumulator Register)
● इन्स्ट्रक्शन रजिस्टर (Instruction Register)
● इनपुट/आउटपुट रजिस्टर (Input/output Register)
Processor Speed
● प्रोसेसर स्पीड (Processor Speed) या प्रोसेसर गति से तात्पर्य प्रोसेसर द्वारा सूचनाओं को क्रियान्वित करने की गति से होता है। प्रोसेसर की गति हर्ट्ज (hertz) और वर्तमान में गीगा हर्ट्ज(GHZ) में मापी जाती है। किसी प्रोसेसर की गति प्रोसेसर के द्वारा प्रयोग की जा रही डेटा बस (Data Bus) पर निर्भर करती है। डेटा बस (Data Bus) प्रोसेसर में डेटा के आवागमन के लिए प्रयोग की जाती है। ये डेटा बस 8-बिट्स, 16-बिट्स, 32-बिट्स, 64-बिट्स 128-बिट्स की होती है। 8 बिट्स से तात्पर्य एक समय में 8-बिट्स डेटा ट्रांसफर होने से है। इसी प्रकार 128 बिट्स डेटा बस (Bits Data Bus) से तात्पर्य एक समय में 128-बिट्स डेटा ट्रांसफर होने से है। जितना डेटा बस (Data Bus) का आकार अधिक होगा, प्रोसेसर की गति उतनी ही अधिक होगी।
CPU HARDWARE
● सीपीयू के कई हार्डवेयर डिवाइस केबिनेट में लगे होते हैं जिसके माध्यम से सीपीयू को बनाया जाता है तथा कम्प्यूटर पर प्रोसेसिंग की जाती है। इसके मुख्य हार्डवेयर निम्नलिखित हो सकते हैं-
● प्रोसेसर (Processor)– माइक्रो प्रोसेसर कम्प्यूटर का सबसे मुख्य भाग है। जिसके द्वारा प्रोसेसिंग की जाती है। वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले प्रोसेसर को यूएलएसआई कहा जाता है।
● कम्प्यूटर के CPU के रूप में उपस्थित हार्डवेयर डिवाइस होती है जो कम्प्यूटर पर सभी गणनाएँ एवं प्रक्रिया का कार्य करती है यह प्रोसेसर एक IC से बनी हुई चिप होती है। वर्तमान में कम्प्यूटर पर माइक्रो प्रोसेसर या ULSI का प्रयोग किया जा रहा है। जैसे :- P1,P2, Dual Core, i3,i5,i7,i9
● पहला माइक्रो प्रोसेसर INTEL 4004 था इसे 1971 में वैज्ञानिक टैड हॉफ के द्वारा विकसित किया गया जिसका प्रयोग माइक्रो कम्प्यूटरों में किया गया।
● प्रोसेसर की गति :- मिलियन ऑफ साइकिल प्रति सेकंड या MHZ में मापी जाती है। वर्तमान में GHZ का प्रयोग किया जाता है।
● माइक्रो प्रोसेसर मदरबोर्ड पर लगा होता है।
● भारत का पहला माइक्रो प्रोसेसर शक्ति है।
Motherboard
● सीपीयू का यह मुख्य बोर्ड होता है जिसे सिस्टम बोर्ड, मैन बोर्ड, लॉजिक बोर्ड आदि नाम से जाना जाता है।
● मदरबोर्ड पर कई सर्किट प्रिंट होते हैं इसलिए इसे प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) भी कहा जाता है।
● मदरबोर्ड को कम्प्यूटर का बैकबोन या रीढ़ की हड्डी भी कहा जाता है।
● सीपीयू के सभी हार्डवेयर मदरबोर्ड से जुडे होते हैं अर्थात् सभी हार्डवेयर के मध्य मदरबोर्ड के द्वारा संप्रेषण किया जा सकता है।
● मदरबोर्ड एक प्लास्टिक का बोर्ड होता है जिस पर कई सारे परिपथ व डिवाइस जुड़े होते हैं। इससे कम्प्यूटर से जुड़े सभी डिवाइस आपस में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक दूसरे से जुड़े होते हैं जिसके द्वारा सभी के मध्य सम्प्रेषण कार्य होता है।
Memory – मेमोरी – कम्प्यूटर पर मुख्य रूप से जो भी मेमोरी प्रयोग में ली जाती है वह CPU से जुड़ी होती है जैसे मेमोरी के रूप में रैम और रोम एक चिप के रूप में मदरबोर्ड पर जुड़ी होती है।
● कम्प्यूटर पर डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करने के लिए सेकंडरी मेमोरी का प्रयोग किया जाता है। जिसमें हार्ड डिस्क मैग्नेटिक डिस्क के रूप में मुख्य प्रकार से जुड़ी होती है।
● प्राइमरी मेमोरी – कम्प्यूटर के प्रोग्राम तथा डेटा को व्यवस्थित संचालित करने के लिए प्राथमिक प्राइमरी मेमोरी का उपयोग किया जाता है। जैसे – रैम व रोम
रैम – यह अस्थायी मेमोरी होती है।
रोम – यह स्थायी मेमोरी होती है।
● CMOS बैटरी – Complimentary metal oxide semiconductor – कम्प्यूटर के समय व दिनांक को अपडेट करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
● SMPS – Switch mode power supply – सीपीयू पर पॉवर सप्लाई करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
● PORT – पोर्ट कम्प्यूटर से अन्य डिवाइस को जोड़ने के लिए या बाहरी डिवाइस को जोड़ने के लिए जिस स्थान का उपयोग किया जाता है। उसे पोर्ट कहा जाता है।
● सीरियल पोर्ट – इस पोर्ट का प्रयोग पुराने माउस, मॉडेम व प्रिंटर जोड़ने के लिए किया जाता है। यह पोर्ट एक समय में एक बिट डेटा ट्रांसफर करती है। इस पोर्ट में पाँच छिद्र ऊपर व 4 छिद्र नीचे की ओर होते हैं।
● पैरेलल पोर्ट – इस पोर्ट का प्रयोग प्रिंटर व स्कैनर को जोड़ने के लिए किया जाता है। इस पोर्ट में 13 छिद्र ऊपर व 12 छिद्र नीचे की ओर होते है।
● U.S.B. (यू.एस. बी.) पोर्ट– इस पोर्ट का प्रयोग यू.एस.बी. डिवाइस जैसे माउस, की-बोर्ड, स्कैनर, प्रिंटर, बायोमेट्रिक मशीन, एक्सटर्नल हार्डडिस्क आदि को जोड़ने के लिए किया जाता है।
● पी.एस. 2 पोर्ट (Personal System) – इस पोर्ट का प्रयोग कीबोर्ड व माउस जोड़ने के लिए किया जाता है।
● V.G.A. (वी.जी.ए.) पोर्ट (Video Graphics Array/ Adaptor)-इस पोर्ट का प्रयोग मॉनिटर एवं प्रोजेक्टर को कम्प्यूटर सिस्टम से जोड़ने के लिए किया जाता है।
● पॉवर कनेक्टर पोर्ट— इस पोर्ट में सिस्टम यूनिट एवं मॉनिटर को पॉवर केबल से जोड़ने के लिए किया जाता है।
● इथरनेट पोर्ट/ R.J-45 Port—इस पोर्ट का प्रयोग LAN (Local Area Network) Cable को जोड़ने में किया जाता है।
● गेम पोर्ट—इस पोर्ट में गेमपेड व जॉयस्टिक डिवाइस को जोड़ा जाता है।
● ऑडियो पोर्ट –इस पोर्ट में माइक्रोफोन व स्पीकर को जोड़ा जाता है।
H.D.M.I. (एच.डी.एम.आई.) (High Definition Multi media Interface) पोर्ट-यह एक डिस्प्ले पोर्ट है, जिसके द्वारा सिस्टम यूनिट के आउटपुट को डिस्प्ले डिवाइस तक भेजा जाता है, अर्थात् यह पोर्ट मॉनिटर, प्रोजेक्टर के लिए प्रयुक्त होती है।
ऑडियो सिग्नल आउटपुट करने के लिए भी HDMI पोर्ट का उपयोग किया जाता है।
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