ऊतक ( Tissue ) : परिभाषा एवं जंतु उत्तक 

ऊतक ( Tissue ) : परिभाषा एवं जंतु उत्तक
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अगर आपने जीव विज्ञान विषय को पढ़ा है तो इसमें आपको उत्तक ( Tissue ) के बारे में भी जरूर पढ़ा होगा | लेकिन अगर आप इस टॉपिक को सरल एवं आसान भाषा में पढ़कर याद करना चाहते है तो आपको हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़ना चाहिए जिसमे हमने उत्तक के बारे में सम्पूर्ण नोट्स उपलब्ध करवाए है | 

आप अगर किस भी परीक्षा की तैयारी कर रहे है और उसमे जीव विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे तो आपको इस पढ़कर एक बार जरूर याद करना है क्योंकि ऐसे नोट्स केवल फ्री में आपको Mission ssc की वेबसाइट पर ही देखने को मिलेंगे

ऊतक ( Tissue )

– कोशिकाओं के समूह को, ऊतक कहा जाता है।

– ऊतक शब्द विचैट ने दिया था।

– ऊतक के अध्ययन को हिस्टोलॉजी कहा जाता है।

जन्तु ऊतक

– जन्तु ऊतक चार प्रकार के होते हैं-

1. संयोजी ऊतक

– यह जटिल जीवों के शरीर में सबसे अधिक पाए जाते हैं।

– यह भ्रूण की मिसोडर्म से बने होते हैं।

– संयोजी ऊतक की कोशिकाएँ शरीर में विभिन्न अंगों को आपस में संबद्ध रखती है।

– रक्त तथा अस्थियाँ, संयोजी ऊतक से बनी होती है।

2. पेशी ऊतक

– पेशी ऊतक में संकुचन का लक्षण होता है।

– इनमें विद्युत उद्दीपन का गुण भी होता है।

– पेशी ऊतक लम्बी कोशिकाओं का बना होता है जिन्हें पेशीय रेखा कहते हैं।

– हृदय तथा मांसपेशियाँ, पेशी ऊतक से बनी होती है।

3. तंत्रिका ऊतक

– शरीर के विभिन्न अंग बाहरी उत्तेजना के अनुकूल प्रतिक्रिया करते हैं।

– इन अंगों को प्रतिक्रिया करने के लिए तंत्रिका ऊतक की कोशिकाएँ उत्तेजित करती है।

– तंत्रिका ऊतक की कोशिकाएँ स्वयं उत्तेजित होकर अपने द्वारा उत्तेजना को शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाती है।

– तंत्रिका तंत्र, तंत्रिका ऊतक से बना होता है।

4. उपकला ऊतक

– उपकला ऊतक की कोशिकाएँ किसी आधार पर स्थित होती है। ये ऊतक किसी अन्य ऊतक पर वृद्धि करते हैं। इनकी उत्पत्ति एक्टोडर्म, एण्डोडर्म तथा मीसोडर्म से हुई है।

– उपकला ऊतक आवरण निर्माण में, सुरक्षा अवशोषण में तथा उत्सर्जन में सहायक है।

– उपकला ऊतक शब्द ‘र्‌यूश’ ने दिया था।

– श्वसन पथ, कूपिका, मूत्रमार्ग, आहारनाल आदि में उपकला ऊतक पाया जाता है।

– यह निम्नलिखित प्रकार का होता है-

(i) शल्की उपकला ऊतक

– यह कोशिकाएँ चपटी होती है।

– यह बहुत पतली तथा कोमल अस्तर का निर्माण करती है शरीर का रक्षात्मक कवच इन्हीं का बना होता है।

– रक्त वाहिनियाँ, फेफड़े तथा वायु कूपिकाएँ, शल्की उपकला ऊतक से निर्मित होते हैं।

(ii) घनाकार उपकला ऊतक

– यह कोशिकाएँ घनाकार होती है।

– यह अंगों को यांत्रिक सामर्थ्य प्रदान करती है।

– नेफ्रोन नामक संरचना, घनाकार उपकला ऊतक से निर्मित होती है।

(iii) पक्ष्माभी उपकला ऊतक

– यह स्तम्भाकार एपिथीलियन कोशिकाओं के बने होते हैं परन्तु इन पर पक्ष्माभ होते हैं।

– श्वासनली, अण्डाशय, अण्डवाहिनी तथा आमाशय, पक्ष्माभी उपकला ऊतक से बने होते हैं।

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हमारी ऊतक ( Tissue ) इस पोस्ट में उपलब्ध करवाए गए नोट्स आपको कैसे लगे नीचे कमेंट के माध्यम से जरूर बाते एवं अगर आपको किसी विशेष टॉपिक के नोट्स चाहिए तो भी आप कमेंट के माध्यम से हमें बता सकते है हम जल्दी ही उसे भी अपलोड कर देंगे 

2 thoughts on “ऊतक ( Tissue ) : परिभाषा एवं जंतु उत्तक ”

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