भारत की जनसंख्या ( Population of India ) : Geography Notes

भारत की जनसंख्या ( Population of India )
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आज की इस पोस्ट में हम भारत की जनसंख्या ( Population of India ) के बारे में बात करने वाले हैं इसके बारे में आपको भारत का भूगोल विषय में पढ़ने के लिए मिलता है अगर आप जनसंख्या से संबंधित समस्त जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़ना चाहिए जिसमें हमने जनसंख्या , साक्षरता दर , राष्ट्रीय जनसंख्या नीति , राज्य अनुसार लिंगानुपात इन सभी की जानकारी इस पोस्ट में उपलब्ध करवाई गई है 

अगर आपके सिलेबस में जनसंख्या का टॉपिक शामिल है तो आपको इससे अच्छे नोट्स और कहीं भी नहीं मिल सकती इसलिए अपनी तैयारी को अच्छे लेवल पर ले जाने के लिए आपको इन्हें नोट्स को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए

भारत की जनसंख्या ( Population of India )

जनगणना-2011

  ब्रिटिश भारत में पहली जनगणना 1872 ई. में लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में हुई थी । 1881 ई. में लॉर्ड रिपन के समय से प्रत्येक दस वर्ष के अन्तराल पर जनसंख्या का क्रमवार आकलन प्रारम्भ हुआ, जो आज भी जारी है। इस प्रकार 1872 ई. में हुई जनगणना को शामिल करते हुए अब तक भारत में 15 जनगणना हो चुकी है।

  वर्ष 2011 की जनगणना भारत की 15वीं जनगणना है। स्वतन्त्र भारत की यह सातवीं जनगणना है ।

  भारत का क्षेत्रफल विश्व के क्षेत्रफल का मात्र 2.4 प्रतिशत है, जबकि भारत की जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 17.5 प्रतिशत है।

  इस प्रकार जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में भारत का स्थान चीन के बाद दूसरा है, जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का स्थान सातवाँ है।

  भारत की जनसंख्या (121.5 करोड़) संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया, ब्राज़ील, पाकिस्तान, बांग्लादेश और जापान की संयुक्त जनसंख्या (121,43 करोड़) के लगभग बराबर है।

  भारत की जनसंख्या में वर्ष 2001 से 2011 के दौरान 18.18 करोड़ की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि विश्व की पाँचवीं सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश ब्राज़ील (19.5 करोड़) से थोड़ी ही कम है।

  भारत मूलत: गाँवों का देश है। इस देश में कुल 6,40,930 लाख गाँव है, जहाँ देश की 68.84 प्रतिशत (2011) जनसंख्या निवास करती है।

  भारत की जनसंख्या वर्ष 1901 में 23.8 करोड़ थी, जो वर्ष 1951 में 36.10 करोड़ हो गई । इस प्रकार आज़ादी के पूर्व तक भारत की जनसंख्या 50 वर्षों में 12.3 करोड़ ही बढ़ी थी, जबकि वर्ष 1951 से 2001 के मध्य भारत की जनसंख्या में 66.7 करोड़ की वृद्धि हुई। वर्ष 2001 में भारत की जनसंख्या 102.87 करोड़ थी, जो वर्ष 2011 तक बढ़कर 121.05 करोड़ हो गई ।

  वर्तमान में भारत की जनसंख्या की दशकीय वृद्धि 17.7 प्रतिशत है, जबकि वार्षिक वृद्धि दर 1.64 प्रतिशत है।

  1911- 21 के दशक में जनसंख्या में ह्रास (-0.31%) की स्थिति आई, जिसका कारण काल एवं महामारियों का प्रकोप था, जिसके चलते मृत्युदर अधिक हो गई थी।

  वर्ष 1921 के पश्चात् देश की जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि प्रारम्भ हुई। इसलिए सन् 1921 को जनसंख्या के इतिहास में ‘महान विभाजक वर्ष’ (Great Dividing Year) कहा जाता है।

  भारत की जनसंख्या में सर्वाधिक वृद्धि 1961-71 के दशक में 24.84% हुई थी। इसके पश्चात् वर्ष 1971-81 में 24.66%, 1981-91 में 23.87% का स्थान है। 1991-2001 के दौरान दशकीय वृद्धि दर घटकर 21.54 % हो गई । 2001-11 के दशक में वृद्धि अंतिम रूप में 17.7% रही है।

  15वीं जनगणना के दशक में भारत के राज्यों/संघ प्रशासित क्षेत्रों के सन्दर्भ में (2001-11) सर्वाधिक तथा न्यूनतम दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर क्रमश: दादरा एवं नागर दवेली (55.9%) और नागालैंड 0.6 %  का रहा ।

राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000

–  15 फरवरी, 2000 में सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 की घोषणा की ।

  ये नीति डॉक्टर एम.एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में गठित एक विशेषज्ञ दल की रिपोर्ट पर आधारित है।

जनसंख्या नीति, 2000 के प्रमुख उद्देश्य

–  राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 की घोषणा गर्भ – निरोध, स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत ढाँचा, स्वास्थ्य कर्मचारियों और एकीकृत सेवा डिलीवरी की अतृप्त माँगों को पूरा करने के अविलम्ब लक्ष्य को हासिल करने के लिए की गई थी।

  नीति में प्रेरणा और प्रोत्साहन संबंधी 16 युक्तियाँ भी बताई गई हैं, जिनमें पंचायतों और जिला परिषदों को छोटे परिवारों को प्रोत्साहित करने पर पारितोषिक देना, बाल विवाह विरोधी कानून और प्रसव – पूर्व गर्भ जाँच तकनीक कानून का कड़ाई से पालन, दो बच्चों के प्रतिमान को प्रोत्साहन और नसबंदी की सुविधा को पारितोषिक और प्रोत्साहनों के जरिये मजबूती प्रदान करना है।

  इसका दीर्घकालीन लक्ष्य जनसंख्या में वर्ष 2045 तक स्थायित्व प्राप्त करना है।

  जनसंख्या नीति में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक राज्य की लोकसभा की सीट वर्ष 1971 की जनसंख्या के आधार पर है तथा वर्ष 2026 तक परिवर्तित नहीं होगी। इसके परिणामस्वरूप सभी राज्य बिना किसी भय के जनसंख्या कार्यक्रम को क्रियान्वित कर सकेंगे।

जनसंख्या नीति, 2000 के प्रमुख लक्ष्य

–  14 वर्ष की आयु तक स्कूली शिक्षा को नि:शुल्क एवं अनिवार्य करना तथा प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने वालों की संख्या को 20% कम करना।

  सर्वव्यापी टीकाकरण की बच्चों के लिए व्यवस्था करना।

  लड़कियों के विवाह योग्य आयु में वृद्धि को प्रोत्साहित करना।

  80% संस्थागत प्रसव एवं 100% प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा प्रसव।

  जन्म, मृत्यु, विवाह एवं गर्भ का 100% पंजीकरण करना।

  IFR = 2.1 लाने के लिए छोटे परिवार के मानक को प्रोत्साहित करना।

दशकीय जनसंख्या वृद्धि (2001-2011) के अनुसार राज्यों का क्रम
रैंकराज्य/केन्द्र शासित प्रदेशवृद्धि दर (% में)
1.दादरा और नगर हवेली55.90
2.दमन और दीव53.8
3.पुडुचेरी28.1
4.मेघालय (राज्यों में प्रथम)27.9
5.अरुणाचल प्रदेश26.0
6.बिहार25.4
7.जम्मू कश्मीर23.6
8.मिज़ोरम23.5
9.छत्तीसगढ़22.6
10.झारखण्ड22.4
11.राजस्थान21.3
12.दिल्ली20.2
13.मध्य-प्रदेश20.30
14.उत्तर-प्रदेश20.2
15.हरियाणा19.90
16.गुजरात19.3
17.उत्तराखण्ड18.8
18.मणिपुर18.60
19.चण्डीगढ़17.20
20.असम17.1
21.महाराष्ट्र16.0
22.तमिलनाडु15.67
23.कनार्टक15.60
24.त्रिपुरा14.8
25.ओडिशा14.0
26.पंजाब13.9
27.पश्चिम बंगाल13.8
28.हिमाचल प्रदेश12.9
29.सिक्किम12.9
30.आन्ध्र-प्रदेश11.0
31.गोवा8.2
32.अण्डमान एवं निकोबार6.9
33.लक्षद्वीप6.3
34.केरल4.9
35.नागालैंड-0.6
36.भारत17.7
क्षेत्रफल की दृष्टि से
सबसे बड़ा राज्यराजस्थान
सबसे छोटा राज्यगोवा
सबसे बड़ा केन्द्रशासित प्रदेशअंडमान निकोबार
सबसे छोटा केन्द्रशासित प्रदेशलक्षद्वीप
जनसंख्या की दृष्टि से : 2011
सबसे बड़ा राज्यउत्तर-प्रदेश
सबसे छोटा राज्यसिक्किम
सबसे बड़ा केन्द्रशासित प्रदेशदिल्ली
सबसे छोटा केन्द्रशासित प्रदेशलक्षद्वीप
जनसंख्या की दृष्टि से शीर्ष पाँच राज्य
उत्तर-प्रदेश19.981 (16.51%)
महाराष्ट्र11.237 (9.28%)
बिहार10.409 (8.60%)
प. बंगाल9.127 (7.54%)
आन्ध्र-प्रदेश8.458 (6.99%)
जनसंख्या की दृष्टि से शीर्ष 5 केन्द्रशासित प्रदेश क्षेत्र
दिल्ली16787941
पुडुचेरी1247953
चण्डीगढ़1055450
अंडमान निकोबार380581
दादरा नगर हवेली343709
लिंगानुपात की दृष्टि से : 2011
सर्वाधिक लिंगानुपातकेरल (1084)
सबसे कम लिंगानुपातहरियाणा (879)
सर्वाधिक केन्द्रशासित लिंगानुपातपुडुचेरी (1037)
सबसे कम केन्द्रशासित लिंगानुपातदमन एवं दीव (618)
सर्वाधिक शिशु (0-6) लिंगानुपात वाला राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेशअरुणाचल प्रदेश (972) एवं अण्डमान निकोबार द्वीप समूह (968)
न्यूनतम शिशु (0-6) लिंगानुपात वाला राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेशहरियाणा (834) एवं दिल्ली (871)
जनघनत्व की दृष्टि से : 2011
सर्वाधिक जनघनत्वबिहार (1106)
सबसे कम जनघनत्वअरुणाचल प्रदेश (17)
सर्वाधिक केन्द्रशासित जनघनत्वदिल्ली (11320)
सबसे कम केन्द्रशासित जनघनत्वअंडमान व निकोबार (46)
साक्षरता की दृष्टि से : 2011
सर्वाधिक साक्षरताकेरल (94.0%)
सबसे कम साक्षरताबिहार (61.8%)
सर्वाधिक केन्द्रशासित साक्षरतालक्षद्वीप (91.8%)
न्यूनतम केन्द्रशासित साक्षरतादादर व नगर हवेली (76.2%)

  जनगणना – वर्ष 2011 के अंतिम आँकड़े (Final Data) के अनुसार देश में न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि दर वाले जिले क्रमश: नागालैण्ड के लांगलेंग (-58.39%) एवं किफरे (-30.50%) है।

लिंगानुपात

–  जनसंख्या की लिंग संरचना को किसी अनुपात में व्यक्त करना, लिंगानुपात कहलाता है। भारत में यह अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में दर्शाते हैं। वर्ष 2011 की अंतिम भारतीय जनगणना के अनुसार देश का लिंगानुपात 943 है।

शीर्ष पाँच लिंगानुपात वाले राज्य
केरल1084
तमिलनाडु996
आन्ध्र-प्रदेश993
मणिपुर992
छत्तीसगढ़991
न्यूनतम पाँच लिंगानुपात वाले राज्य
हरियाणा879
जम्मू-कश्मीर889
सिक्किम890
पंजाब895
उत्तर-प्रदेश912
सर्वाधिक लिंगानुपात वाले 2 जिले
माहे (पुडुचेरी)1176
अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड)1139
न्यूनतम लिंगानुपात वाले 2 जिले
दमन (दमन दीव)533
लेह (लद्दाख) (जम्मू कश्मीर)583

  0-6 आयु वर्ग के शीर्ष पाँच लिंगानुपात वाले राज्य हैं –

राज्यलिंगानुपात
अरुणाचल प्रदेश972
मिज़ोरम970
मेघालय970
छत्तीसगढ़969
केरल964

  0-6 आयु वर्ग के न्यूनतम पाँच लिंगानुपात वाले राज्य हैं-

राज्यलिंगानुपात
हरियाणा834
पंजाब846
जम्मू कश्मीर862
राजस्थान/महाराष्ट्र888
उत्तराखण्ड890

साक्षरता दर

–   भारत के साक्षरता दर में पिछले दशकों से सतत वृद्धि हुई है। वर्ष 1951 में जहाँ भारत की साक्षरता दर 18.33 प्रतिशत थी, वहीं यह वर्ष 2011 में बढ़कर 64.8 प्रतिशत हो गई है।

   जनगणना 2011 के अंतिम आँकड़ों के अनुसार साक्षरता 8.16 प्रतिशत बढ़कर 73.0 प्रतिशत हो गई। ध्यातव्य है कि जहाँ साक्षरता दर में 8.16% की वृद्धि हुई है, वहीं साक्षर जनसंख्या में वर्ष 2001 की तुलना में वर्ष 2011 में 36.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

साक्षरताजनसंख्याप्रतिशत
व्यक्ति76,34,98,51773.0
(i)    पुरुष(ii)   महिला43,46,83,77932,88,14,73880.964.6
शीर्ष पांच साक्षरता दर वाले राज्य
राज्यप्रतिशत
केरल94.0
मिज़ोरम91.3
त्रिपुरा88.7
गोवा87.2
हिमाचल प्रदेश82.8
न्यूनतम पाँच साक्षरता दर वाले राज्य
राज्यप्रतिशत
बिहार61.8
अरुणाचल प्रदेश65.4
राजस्थान66.1
झारखण्ड66.4
आन्ध्र-प्रदेश67.0
शीर्ष पाँच केन्द्रशासित साक्षरता वाले प्रदेश
प्रदेशप्रतिशत
लक्षद्वीप91.8
दमन दीव87.1
पुडुचेरी86.6
चण्डीगढ़86.2
दिल्ली86.0
पुरुष साक्षरता वाले पाँच शीर्ष राज्य/के.शा.प्रदेश
राज्यप्रतिशत
केरल96.1
लक्षद्वीप95.6
मिज़ोरम93.3
गोवा92.6
त्रिपुरा91.5
देश में उच्च साक्षरता वाले 2 जिले
जिलाप्रतिशत
सरचिप98.76
अजावल (मिज़ोरम)98.50
देश में न्यूनतम साक्षरता वाले 2 जिले
जिलाप्रतिशत अंतर
अलोराजपुर (मध्य प्रदेश)37.22
अजावल (मिज़ोरम)41.58

  वर्ष 2011 की जनगणना के अंतिम आँकड़ों के अनुसार भारत का जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है।

जनगणना वर्षघनत्व (व्यक्ति/ वर्ग कि.मी. )संख्या वृद्धिवृद्धि प्रतिशत
190177
191182056.5
192181(-) 01(-)1.2
193190*0911.1
19411031314.4
19511171413.6
19611422521.4
19711773524.6
19812163922
19912675123.6
20013255821.7
20113825717.5

      सर्वाधिक दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर 1961-71 के दशक में 24.6% थी। 1911-21 के दशक में जनघनत्व में 58 व्यक्ति/वर्ग किमी. की वृद्धि हुई। 2001-2011 के दशक में जनघनत्व में 57 व्यक्ति/वर्ग किमी. की वृद्धि हुई। देश में राज्य स्तर जनघनत्व में बहुत असमानताएँ विद्यमान हैं। वर्ष 2011 की अंतिम जनगणना रिपोर्ट के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में जहाँ जनघनत्व मात्र 17 व्यक्ति/ वर्ग किमी. है, वहीं बिहार में यह 1106 व्यक्ति/ वर्ग किमी. है। केन्द्रशासित प्रदेशों में सर्वाधिक जनघनत्व दिल्ली का 11,320 व्यक्ति प्रति किमी. है, जबकि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह का न्यूनतम 46 व्यक्ति/ वर्ग किमी. है।

शीर्ष पाँच जनघनत्व वाले राज्य
राज्यजनघनत्व /वर्ग कि.मी.
बिहार1106
पश्चिम बंगाल1028
केरल860
उत्तर प्रदेश829
हरियाणा573
न्यूनतम पाँच जनघनत्व वाले राज्य
राज्यजनघनत्व /वर्ग कि.मी.
अरुणाचल प्रदेश17
मिज़ोरम52
सिक्किम86
मणिपुर115
नागालैण्ड119
पाँच शीर्ष जनघनत्व वाले केन्द्रशासित प्रदेश
राज्यजनघनत्व /वर्ग कि.मी.
दिल्ली11320
चण्डीगढ़9258
पुडुचेरी2547
दमन एवं दीव2191
लक्षद्वीप2149

अनुसूचित जनगणना: 2011 के अंतिम आँकड़े

  भारत सरकार अधिनियम, 1935 में सर्वप्रथम अनुसूचित जाति’ शब्द का अनुप्रयोग किया गया था जबकि संविधान के अनुच्छेद 341 में अनुसूचित जाति शब्द का उल्लेख किया गया है। यह एक विषम जातीय समूह है, जिसमें 542 जातियाँ शामिल हैं। आर्थिक एवं सामाजिक प्रतिष्ठा की दृष्टि से ये लगभग एक जैसी हैं। इनमें से 81.28 प्रतिशत लोग गाँवों में रहते हैं और उनका प्रमुख आय स्त्रोत कृषि है।

  स्वतंत्रता के समय देश में अनुसूचित जातियों की संख्या 5.17 करोड़ थी, जो बढ़कर वर्ष 1981 में 10.47 करोड़, वर्ष 1991 में 13.82 करोड़ तथा 2001 में 16.66 करोड़ हो गई। प्रतिशत की दृष्टि से वर्ष 1991 में अनुसूचित जातियाँ 16.48% थी, जो 1981 की तुलना में 32.0 प्रतिशत अधिक थी। 2001 में अनुसूचित जातियाँ 16.2% थी, जो 1991 की तुलना में 20.54% अधिक थी।

  वर्ष 2011 की अंतिम (Final) जनगणना रिपोर्ट के अनुसार देश में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 20,13,78,086(20.137 करोड़) है, जो देश की कुल जनसंख्या का 16.6% है। 2001-11 के दौरान अनुसूचित जाति की दशकीय वृद्धि दर 20.8% रही है। सर्वाधिक एवं न्यूनतम अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले राज्य क्रमश: उत्तर-प्रदेश एवं मिज़ोरम रहे हैं।

  अनुसूचित जाति की सर्वाधिक तथा न्यूनतम जनसंख्या प्रतिशतता वाले राज्य क्रमश: पंजाब (31.9%) एवं मिज़ोरम (0.1%) रहे हैं। ध्यातव्य है कि अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में किसी भी अनुसूचित जाति का निवास नहीं है।

  2011 में अनुसूचित जाति का लिंगानुपात 945 रहा है, जो कि 2001की जनगणना के लिंगानुपात (936) की अपेक्षा 9 अधिक है। पुनश्च केरल सर्वाधिक तथा मिज़ोरम न्यूनतम अनुसूचित जाति

    लिंगानुपात वाला राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश में 15वीं जनगणना में रहा है।

शीर्ष पाँच अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले राज्य
क्रमप्रदेशसंख्या
प्रथमउत्तर प्रदेश4,13,57,608
द्वितीयपश्चिम बंगाल2,14,63,270
तृतीयबिहार1,65,67,325
चतुर्थतमिलनाडु1,44,38,445
पंचमआन्ध्र प्रदेश1,33,78,078
सामान्य जनसंख्या में प्रतिशत की दृष्टि से शीर्ष पाँच अनुसूचित जाति वाले राज्य
क्रमप्रदेशअंश % में
प्रथमपंजाब31.9
द्वितीयहिमाचल प्रदेश25.2
तृतीयपश्चिम बंगाल23.5
चतुर्थउत्तर प्रदेश20.7
पंचमहरियाणा20.2
सामान्य जनसंख्या में प्रतिशत की दृष्टि से शीर्ष पाँच अनुसूचित जनजाति वाले राज्य /के.शा. प्र.
क्रमप्रदेशअंश % में
प्रथमलक्षद्वीप94.8%
द्वितीयमिज़ोरम94.4%
तृतीयनागालैण्ड86.5%
चतुर्थमेघालय86.1%
पंचमअरुणाचल प्रदेश68.8%

अनुसूचित जनजातियाँ

–  15वीं जनगणना 2011 की अंतिम रिपोर्टानुसार भारत में अनुसूचित जनजाति की संख्या 10,42,81,034 है, जो देश की कुल जनसंख्या का 8.6% है। समस्त अनुसूचित जनजाति जनसंख्या 5,24,09,823 (50.26%) पुरुष और 5,18,17,121(49.74%) महिला जनसंख्या है।

  भारत में सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या मध्य प्रदेश (1,53,16,784) में पाई जाती है, जो राज्य की समस्त जनसंख्या का 21.1% है।

  अनुसूचित जनजाति जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर राज्यों /केन्द्र-शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप में सर्वोच्च (94.8%) प्रतिशतता में पाई जाती है। उसके बाद मिज़ोरम (94.4%) का स्थान है।

  दादर एवं नगर हवेली में संख्या की दृष्टि से सर्वाधिक (1,78,564) अनुसूचित जनजाति पाई जाती हैं, जो किसी केन्द्रशासित प्रदेश में सर्वाधिक है।

  भारतीय संविधान में मूल रूप से 212 जनजातियों को अनुसूचित जनजातियाँ में घोषित किया गया था। किन्तु वर्तमान में जनजाति की सूची में 550 जनजातियाँ शामिल हैं।

  2011 में अनुसूचित जनजाति का लिंगानुपात 990 है, जो 2001 के लिंगानुपात (978) से 12 जनजातियों में सर्वाधिक लिंगानुपात गोवा (1046) राज्य का और सबसे कम जम्मू-कश्मीर (924) का है। 

शीर्ष पाँच अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले राज्य/के.शा. प्रदेश
क्रमप्रदेशसंख्या
प्रथममध्य प्रदेश1,53,16,784
द्वितीयमहाराष्ट्र1,05,10,213
तृतीयओडिशा95,90,756
चतुर्थराजस्थान92,38,534
पंचमगुजरात89,17,174
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भारत की जनसंख्या ( Population of India ) – इस पोस्ट में उपलब्ध करवाई गई नोट्स आपको कैसे लगे नीचे कमेंट करके जरूर बताएं ताकि हम आगे भी आपके लिए इसी प्रकार टॉपिक के अनुसार नोट्स बिल्कुल फ्री लेकर आते रहे जिससे आप घर बैठे किसी भी परीक्षा की तैयारी बिना किसी कोचिंग की बहुत ही अच्छे से कर सकते हैं

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