आज की इस पोस्ट में हम भारत की जनसंख्या ( Population of India ) के बारे में बात करने वाले हैं इसके बारे में आपको भारत का भूगोल विषय में पढ़ने के लिए मिलता है अगर आप जनसंख्या से संबंधित समस्त जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़ना चाहिए जिसमें हमने जनसंख्या , साक्षरता दर , राष्ट्रीय जनसंख्या नीति , राज्य अनुसार लिंगानुपात इन सभी की जानकारी इस पोस्ट में उपलब्ध करवाई गई है
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भारत की जनसंख्या ( Population of India )
जनगणना-2011
– ब्रिटिश भारत में पहली जनगणना 1872 ई. में लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में हुई थी । 1881 ई. में लॉर्ड रिपन के समय से प्रत्येक दस वर्ष के अन्तराल पर जनसंख्या का क्रमवार आकलन प्रारम्भ हुआ, जो आज भी जारी है। इस प्रकार 1872 ई. में हुई जनगणना को शामिल करते हुए अब तक भारत में 15 जनगणना हो चुकी है।
– वर्ष 2011 की जनगणना भारत की 15वीं जनगणना है। स्वतन्त्र भारत की यह सातवीं जनगणना है ।
– भारत का क्षेत्रफल विश्व के क्षेत्रफल का मात्र 2.4 प्रतिशत है, जबकि भारत की जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 17.5 प्रतिशत है।
– इस प्रकार जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में भारत का स्थान चीन के बाद दूसरा है, जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का स्थान सातवाँ है।
– भारत की जनसंख्या (121.5 करोड़) संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया, ब्राज़ील, पाकिस्तान, बांग्लादेश और जापान की संयुक्त जनसंख्या (121,43 करोड़) के लगभग बराबर है।
– भारत की जनसंख्या में वर्ष 2001 से 2011 के दौरान 18.18 करोड़ की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि विश्व की पाँचवीं सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश ब्राज़ील (19.5 करोड़) से थोड़ी ही कम है।
– भारत मूलत: गाँवों का देश है। इस देश में कुल 6,40,930 लाख गाँव है, जहाँ देश की 68.84 प्रतिशत (2011) जनसंख्या निवास करती है।
– भारत की जनसंख्या वर्ष 1901 में 23.8 करोड़ थी, जो वर्ष 1951 में 36.10 करोड़ हो गई । इस प्रकार आज़ादी के पूर्व तक भारत की जनसंख्या 50 वर्षों में 12.3 करोड़ ही बढ़ी थी, जबकि वर्ष 1951 से 2001 के मध्य भारत की जनसंख्या में 66.7 करोड़ की वृद्धि हुई। वर्ष 2001 में भारत की जनसंख्या 102.87 करोड़ थी, जो वर्ष 2011 तक बढ़कर 121.05 करोड़ हो गई ।
– वर्तमान में भारत की जनसंख्या की दशकीय वृद्धि 17.7 प्रतिशत है, जबकि वार्षिक वृद्धि दर 1.64 प्रतिशत है।
– 1911- 21 के दशक में जनसंख्या में ह्रास (-0.31%) की स्थिति आई, जिसका कारण काल एवं महामारियों का प्रकोप था, जिसके चलते मृत्युदर अधिक हो गई थी।
– वर्ष 1921 के पश्चात् देश की जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि प्रारम्भ हुई। इसलिए सन् 1921 को जनसंख्या के इतिहास में ‘महान विभाजक वर्ष’ (Great Dividing Year) कहा जाता है।
– भारत की जनसंख्या में सर्वाधिक वृद्धि 1961-71 के दशक में 24.84% हुई थी। इसके पश्चात् वर्ष 1971-81 में 24.66%, 1981-91 में 23.87% का स्थान है। 1991-2001 के दौरान दशकीय वृद्धि दर घटकर 21.54 % हो गई । 2001-11 के दशक में वृद्धि अंतिम रूप में 17.7% रही है।
– 15वीं जनगणना के दशक में भारत के राज्यों/संघ प्रशासित क्षेत्रों के सन्दर्भ में (2001-11) सर्वाधिक तथा न्यूनतम दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर क्रमश: दादरा एवं नागर दवेली (55.9%) और नागालैंड 0.6 % का रहा ।
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000
– 15 फरवरी, 2000 में सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 की घोषणा की ।
– ये नीति डॉक्टर एम.एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में गठित एक विशेषज्ञ दल की रिपोर्ट पर आधारित है।
जनसंख्या नीति, 2000 के प्रमुख उद्देश्य
– राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 की घोषणा गर्भ – निरोध, स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत ढाँचा, स्वास्थ्य कर्मचारियों और एकीकृत सेवा डिलीवरी की अतृप्त माँगों को पूरा करने के अविलम्ब लक्ष्य को हासिल करने के लिए की गई थी।
– नीति में प्रेरणा और प्रोत्साहन संबंधी 16 युक्तियाँ भी बताई गई हैं, जिनमें पंचायतों और जिला परिषदों को छोटे परिवारों को प्रोत्साहित करने पर पारितोषिक देना, बाल विवाह विरोधी कानून और प्रसव – पूर्व गर्भ जाँच तकनीक कानून का कड़ाई से पालन, दो बच्चों के प्रतिमान को प्रोत्साहन और नसबंदी की सुविधा को पारितोषिक और प्रोत्साहनों के जरिये मजबूती प्रदान करना है।
– इसका दीर्घकालीन लक्ष्य जनसंख्या में वर्ष 2045 तक स्थायित्व प्राप्त करना है।
– जनसंख्या नीति में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक राज्य की लोकसभा की सीट वर्ष 1971 की जनसंख्या के आधार पर है तथा वर्ष 2026 तक परिवर्तित नहीं होगी। इसके परिणामस्वरूप सभी राज्य बिना किसी भय के जनसंख्या कार्यक्रम को क्रियान्वित कर सकेंगे।
जनसंख्या नीति, 2000 के प्रमुख लक्ष्य
– 14 वर्ष की आयु तक स्कूली शिक्षा को नि:शुल्क एवं अनिवार्य करना तथा प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने वालों की संख्या को 20% कम करना।
– सर्वव्यापी टीकाकरण की बच्चों के लिए व्यवस्था करना।
– लड़कियों के विवाह योग्य आयु में वृद्धि को प्रोत्साहित करना।
– 80% संस्थागत प्रसव एवं 100% प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा प्रसव।
– जन्म, मृत्यु, विवाह एवं गर्भ का 100% पंजीकरण करना।
– IFR = 2.1 लाने के लिए छोटे परिवार के मानक को प्रोत्साहित करना।
दशकीय जनसंख्या वृद्धि (2001-2011) के अनुसार राज्यों का क्रम | ||
रैंक | राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश | वृद्धि दर (% में) |
1. | दादरा और नगर हवेली | 55.90 |
2. | दमन और दीव | 53.8 |
3. | पुडुचेरी | 28.1 |
4. | मेघालय (राज्यों में प्रथम) | 27.9 |
5. | अरुणाचल प्रदेश | 26.0 |
6. | बिहार | 25.4 |
7. | जम्मू कश्मीर | 23.6 |
8. | मिज़ोरम | 23.5 |
9. | छत्तीसगढ़ | 22.6 |
10. | झारखण्ड | 22.4 |
11. | राजस्थान | 21.3 |
12. | दिल्ली | 20.2 |
13. | मध्य-प्रदेश | 20.30 |
14. | उत्तर-प्रदेश | 20.2 |
15. | हरियाणा | 19.90 |
16. | गुजरात | 19.3 |
17. | उत्तराखण्ड | 18.8 |
18. | मणिपुर | 18.60 |
19. | चण्डीगढ़ | 17.20 |
20. | असम | 17.1 |
21. | महाराष्ट्र | 16.0 |
22. | तमिलनाडु | 15.67 |
23. | कनार्टक | 15.60 |
24. | त्रिपुरा | 14.8 |
25. | ओडिशा | 14.0 |
26. | पंजाब | 13.9 |
27. | पश्चिम बंगाल | 13.8 |
28. | हिमाचल प्रदेश | 12.9 |
29. | सिक्किम | 12.9 |
30. | आन्ध्र-प्रदेश | 11.0 |
31. | गोवा | 8.2 |
32. | अण्डमान एवं निकोबार | 6.9 |
33. | लक्षद्वीप | 6.3 |
34. | केरल | 4.9 |
35. | नागालैंड | -0.6 |
36. | भारत | 17.7 |
क्षेत्रफल की दृष्टि से | |
सबसे बड़ा राज्य | राजस्थान |
सबसे छोटा राज्य | गोवा |
सबसे बड़ा केन्द्रशासित प्रदेश | अंडमान निकोबार |
सबसे छोटा केन्द्रशासित प्रदेश | लक्षद्वीप |
जनसंख्या की दृष्टि से : 2011 | |
सबसे बड़ा राज्य | उत्तर-प्रदेश |
सबसे छोटा राज्य | सिक्किम |
सबसे बड़ा केन्द्रशासित प्रदेश | दिल्ली |
सबसे छोटा केन्द्रशासित प्रदेश | लक्षद्वीप |
जनसंख्या की दृष्टि से शीर्ष पाँच राज्य | |
उत्तर-प्रदेश | 19.981 (16.51%) |
महाराष्ट्र | 11.237 (9.28%) |
बिहार | 10.409 (8.60%) |
प. बंगाल | 9.127 (7.54%) |
आन्ध्र-प्रदेश | 8.458 (6.99%) |
जनसंख्या की दृष्टि से शीर्ष 5 केन्द्रशासित प्रदेश क्षेत्र | |
दिल्ली | 16787941 |
पुडुचेरी | 1247953 |
चण्डीगढ़ | 1055450 |
अंडमान निकोबार | 380581 |
दादरा नगर हवेली | 343709 |
लिंगानुपात की दृष्टि से : 2011 | |
सर्वाधिक लिंगानुपात | केरल (1084) |
सबसे कम लिंगानुपात | हरियाणा (879) |
सर्वाधिक केन्द्रशासित लिंगानुपात | पुडुचेरी (1037) |
सबसे कम केन्द्रशासित लिंगानुपात | दमन एवं दीव (618) |
सर्वाधिक शिशु (0-6) लिंगानुपात वाला राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेश | अरुणाचल प्रदेश (972) एवं अण्डमान निकोबार द्वीप समूह (968) |
न्यूनतम शिशु (0-6) लिंगानुपात वाला राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेश | हरियाणा (834) एवं दिल्ली (871) |
जनघनत्व की दृष्टि से : 2011 | |
सर्वाधिक जनघनत्व | बिहार (1106) |
सबसे कम जनघनत्व | अरुणाचल प्रदेश (17) |
सर्वाधिक केन्द्रशासित जनघनत्व | दिल्ली (11320) |
सबसे कम केन्द्रशासित जनघनत्व | अंडमान व निकोबार (46) |
साक्षरता की दृष्टि से : 2011 | |
सर्वाधिक साक्षरता | केरल (94.0%) |
सबसे कम साक्षरता | बिहार (61.8%) |
सर्वाधिक केन्द्रशासित साक्षरता | लक्षद्वीप (91.8%) |
न्यूनतम केन्द्रशासित साक्षरता | दादर व नगर हवेली (76.2%) |
– जनगणना – वर्ष 2011 के अंतिम आँकड़े (Final Data) के अनुसार देश में न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि दर वाले जिले क्रमश: नागालैण्ड के लांगलेंग (-58.39%) एवं किफरे (-30.50%) है।
लिंगानुपात
– जनसंख्या की लिंग संरचना को किसी अनुपात में व्यक्त करना, लिंगानुपात कहलाता है। भारत में यह अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में दर्शाते हैं। वर्ष 2011 की अंतिम भारतीय जनगणना के अनुसार देश का लिंगानुपात 943 है।
शीर्ष पाँच लिंगानुपात वाले राज्य | |
केरल | 1084 |
तमिलनाडु | 996 |
आन्ध्र-प्रदेश | 993 |
मणिपुर | 992 |
छत्तीसगढ़ | 991 |
न्यूनतम पाँच लिंगानुपात वाले राज्य | |
हरियाणा | 879 |
जम्मू-कश्मीर | 889 |
सिक्किम | 890 |
पंजाब | 895 |
उत्तर-प्रदेश | 912 |
सर्वाधिक लिंगानुपात वाले 2 जिले | |
माहे (पुडुचेरी) | 1176 |
अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) | 1139 |
न्यूनतम लिंगानुपात वाले 2 जिले | |
दमन (दमन दीव) | 533 |
लेह (लद्दाख) (जम्मू कश्मीर) | 583 |
– 0-6 आयु वर्ग के शीर्ष पाँच लिंगानुपात वाले राज्य हैं –
राज्य | लिंगानुपात |
अरुणाचल प्रदेश | 972 |
मिज़ोरम | 970 |
मेघालय | 970 |
छत्तीसगढ़ | 969 |
केरल | 964 |
– 0-6 आयु वर्ग के न्यूनतम पाँच लिंगानुपात वाले राज्य हैं-
राज्य | लिंगानुपात |
हरियाणा | 834 |
पंजाब | 846 |
जम्मू कश्मीर | 862 |
राजस्थान/महाराष्ट्र | 888 |
उत्तराखण्ड | 890 |
साक्षरता दर
– भारत के साक्षरता दर में पिछले दशकों से सतत वृद्धि हुई है। वर्ष 1951 में जहाँ भारत की साक्षरता दर 18.33 प्रतिशत थी, वहीं यह वर्ष 2011 में बढ़कर 64.8 प्रतिशत हो गई है।
– जनगणना 2011 के अंतिम आँकड़ों के अनुसार साक्षरता 8.16 प्रतिशत बढ़कर 73.0 प्रतिशत हो गई। ध्यातव्य है कि जहाँ साक्षरता दर में 8.16% की वृद्धि हुई है, वहीं साक्षर जनसंख्या में वर्ष 2001 की तुलना में वर्ष 2011 में 36.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
साक्षरता | जनसंख्या | प्रतिशत |
व्यक्ति | 76,34,98,517 | 73.0 |
(i) पुरुष(ii) महिला | 43,46,83,77932,88,14,738 | 80.964.6 |
शीर्ष पांच साक्षरता दर वाले राज्य | |
राज्य | प्रतिशत |
केरल | 94.0 |
मिज़ोरम | 91.3 |
त्रिपुरा | 88.7 |
गोवा | 87.2 |
हिमाचल प्रदेश | 82.8 |
न्यूनतम पाँच साक्षरता दर वाले राज्य | |
राज्य | प्रतिशत |
बिहार | 61.8 |
अरुणाचल प्रदेश | 65.4 |
राजस्थान | 66.1 |
झारखण्ड | 66.4 |
आन्ध्र-प्रदेश | 67.0 |
शीर्ष पाँच केन्द्रशासित साक्षरता वाले प्रदेश | |
प्रदेश | प्रतिशत |
लक्षद्वीप | 91.8 |
दमन दीव | 87.1 |
पुडुचेरी | 86.6 |
चण्डीगढ़ | 86.2 |
दिल्ली | 86.0 |
पुरुष साक्षरता वाले पाँच शीर्ष राज्य/के.शा.प्रदेश | |
राज्य | प्रतिशत |
केरल | 96.1 |
लक्षद्वीप | 95.6 |
मिज़ोरम | 93.3 |
गोवा | 92.6 |
त्रिपुरा | 91.5 |
देश में उच्च साक्षरता वाले 2 जिले | |
जिला | प्रतिशत |
सरचिप | 98.76 |
अजावल (मिज़ोरम) | 98.50 |
देश में न्यूनतम साक्षरता वाले 2 जिले | |
जिला | प्रतिशत अंतर |
अलोराजपुर (मध्य प्रदेश) | 37.22 |
अजावल (मिज़ोरम) | 41.58 |
– वर्ष 2011 की जनगणना के अंतिम आँकड़ों के अनुसार भारत का जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है।
जनगणना वर्ष | घनत्व (व्यक्ति/ वर्ग कि.मी. ) | संख्या वृद्धि | वृद्धि प्रतिशत |
1901 | 77 | – | – |
1911 | 82 | 05 | 6.5 |
1921 | 81 | (-) 01 | (-)1.2 |
1931 | 90 | *09 | 11.1 |
1941 | 103 | 13 | 14.4 |
1951 | 117 | 14 | 13.6 |
1961 | 142 | 25 | 21.4 |
1971 | 177 | 35 | 24.6 |
1981 | 216 | 39 | 22 |
1991 | 267 | 51 | 23.6 |
2001 | 325 | 58 | 21.7 |
2011 | 382 | 57 | 17.5 |
– सर्वाधिक दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर 1961-71 के दशक में 24.6% थी। 1911-21 के दशक में जनघनत्व में 58 व्यक्ति/वर्ग किमी. की वृद्धि हुई। 2001-2011 के दशक में जनघनत्व में 57 व्यक्ति/वर्ग किमी. की वृद्धि हुई। देश में राज्य स्तर जनघनत्व में बहुत असमानताएँ विद्यमान हैं। वर्ष 2011 की अंतिम जनगणना रिपोर्ट के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में जहाँ जनघनत्व मात्र 17 व्यक्ति/ वर्ग किमी. है, वहीं बिहार में यह 1106 व्यक्ति/ वर्ग किमी. है। केन्द्रशासित प्रदेशों में सर्वाधिक जनघनत्व दिल्ली का 11,320 व्यक्ति प्रति किमी. है, जबकि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह का न्यूनतम 46 व्यक्ति/ वर्ग किमी. है।
शीर्ष पाँच जनघनत्व वाले राज्य | |
राज्य | जनघनत्व /वर्ग कि.मी. |
बिहार | 1106 |
पश्चिम बंगाल | 1028 |
केरल | 860 |
उत्तर प्रदेश | 829 |
हरियाणा | 573 |
न्यूनतम पाँच जनघनत्व वाले राज्य | |
राज्य | जनघनत्व /वर्ग कि.मी. |
अरुणाचल प्रदेश | 17 |
मिज़ोरम | 52 |
सिक्किम | 86 |
मणिपुर | 115 |
नागालैण्ड | 119 |
पाँच शीर्ष जनघनत्व वाले केन्द्रशासित प्रदेश | |
राज्य | जनघनत्व /वर्ग कि.मी. |
दिल्ली | 11320 |
चण्डीगढ़ | 9258 |
पुडुचेरी | 2547 |
दमन एवं दीव | 2191 |
लक्षद्वीप | 2149 |
अनुसूचित जनगणना: 2011 के अंतिम आँकड़े
– भारत सरकार अधिनियम, 1935 में सर्वप्रथम अनुसूचित जाति’ शब्द का अनुप्रयोग किया गया था जबकि संविधान के अनुच्छेद 341 में अनुसूचित जाति शब्द का उल्लेख किया गया है। यह एक विषम जातीय समूह है, जिसमें 542 जातियाँ शामिल हैं। आर्थिक एवं सामाजिक प्रतिष्ठा की दृष्टि से ये लगभग एक जैसी हैं। इनमें से 81.28 प्रतिशत लोग गाँवों में रहते हैं और उनका प्रमुख आय स्त्रोत कृषि है।
– स्वतंत्रता के समय देश में अनुसूचित जातियों की संख्या 5.17 करोड़ थी, जो बढ़कर वर्ष 1981 में 10.47 करोड़, वर्ष 1991 में 13.82 करोड़ तथा 2001 में 16.66 करोड़ हो गई। प्रतिशत की दृष्टि से वर्ष 1991 में अनुसूचित जातियाँ 16.48% थी, जो 1981 की तुलना में 32.0 प्रतिशत अधिक थी। 2001 में अनुसूचित जातियाँ 16.2% थी, जो 1991 की तुलना में 20.54% अधिक थी।
– वर्ष 2011 की अंतिम (Final) जनगणना रिपोर्ट के अनुसार देश में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 20,13,78,086(20.137 करोड़) है, जो देश की कुल जनसंख्या का 16.6% है। 2001-11 के दौरान अनुसूचित जाति की दशकीय वृद्धि दर 20.8% रही है। सर्वाधिक एवं न्यूनतम अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले राज्य क्रमश: उत्तर-प्रदेश एवं मिज़ोरम रहे हैं।
– अनुसूचित जाति की सर्वाधिक तथा न्यूनतम जनसंख्या प्रतिशतता वाले राज्य क्रमश: पंजाब (31.9%) एवं मिज़ोरम (0.1%) रहे हैं। ध्यातव्य है कि अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में किसी भी अनुसूचित जाति का निवास नहीं है।
– 2011 में अनुसूचित जाति का लिंगानुपात 945 रहा है, जो कि 2001की जनगणना के लिंगानुपात (936) की अपेक्षा 9 अधिक है। पुनश्च केरल सर्वाधिक तथा मिज़ोरम न्यूनतम अनुसूचित जाति
लिंगानुपात वाला राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश में 15वीं जनगणना में रहा है।
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शीर्ष पाँच अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले राज्य | ||
क्रम | प्रदेश | संख्या |
प्रथम | उत्तर प्रदेश | 4,13,57,608 |
द्वितीय | पश्चिम बंगाल | 2,14,63,270 |
तृतीय | बिहार | 1,65,67,325 |
चतुर्थ | तमिलनाडु | 1,44,38,445 |
पंचम | आन्ध्र प्रदेश | 1,33,78,078 |
सामान्य जनसंख्या में प्रतिशत की दृष्टि से शीर्ष पाँच अनुसूचित जाति वाले राज्य | ||
क्रम | प्रदेश | अंश % में |
प्रथम | पंजाब | 31.9 |
द्वितीय | हिमाचल प्रदेश | 25.2 |
तृतीय | पश्चिम बंगाल | 23.5 |
चतुर्थ | उत्तर प्रदेश | 20.7 |
पंचम | हरियाणा | 20.2 |
सामान्य जनसंख्या में प्रतिशत की दृष्टि से शीर्ष पाँच अनुसूचित जनजाति वाले राज्य /के.शा. प्र. | ||
क्रम | प्रदेश | अंश % में |
प्रथम | लक्षद्वीप | 94.8% |
द्वितीय | मिज़ोरम | 94.4% |
तृतीय | नागालैण्ड | 86.5% |
चतुर्थ | मेघालय | 86.1% |
पंचम | अरुणाचल प्रदेश | 68.8% |
अनुसूचित जनजातियाँ
– 15वीं जनगणना 2011 की अंतिम रिपोर्टानुसार भारत में अनुसूचित जनजाति की संख्या 10,42,81,034 है, जो देश की कुल जनसंख्या का 8.6% है। समस्त अनुसूचित जनजाति जनसंख्या 5,24,09,823 (50.26%) पुरुष और 5,18,17,121(49.74%) महिला जनसंख्या है।
– भारत में सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या मध्य प्रदेश (1,53,16,784) में पाई जाती है, जो राज्य की समस्त जनसंख्या का 21.1% है।
– अनुसूचित जनजाति जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर राज्यों /केन्द्र-शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप में सर्वोच्च (94.8%) प्रतिशतता में पाई जाती है। उसके बाद मिज़ोरम (94.4%) का स्थान है।
– दादर एवं नगर हवेली में संख्या की दृष्टि से सर्वाधिक (1,78,564) अनुसूचित जनजाति पाई जाती हैं, जो किसी केन्द्रशासित प्रदेश में सर्वाधिक है।
– भारतीय संविधान में मूल रूप से 212 जनजातियों को अनुसूचित जनजातियाँ में घोषित किया गया था। किन्तु वर्तमान में जनजाति की सूची में 550 जनजातियाँ शामिल हैं।
– 2011 में अनुसूचित जनजाति का लिंगानुपात 990 है, जो 2001 के लिंगानुपात (978) से 12 जनजातियों में सर्वाधिक लिंगानुपात गोवा (1046) राज्य का और सबसे कम जम्मू-कश्मीर (924) का है।
शीर्ष पाँच अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले राज्य/के.शा. प्रदेश | ||
क्रम | प्रदेश | संख्या |
प्रथम | मध्य प्रदेश | 1,53,16,784 |
द्वितीय | महाराष्ट्र | 1,05,10,213 |
तृतीय | ओडिशा | 95,90,756 |
चतुर्थ | राजस्थान | 92,38,534 |
पंचम | गुजरात | 89,17,174 |
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